हिन्दीमंच संचालन
मंच संचालन करना किसी कला से कम नहीं है
। जिस प्रकार से माला का धागा मोती के सभी दानों को एकत्रित करके रखती है, उसी प्रकार
संचालन कर्ता अनेक कार्यक्रमों को क्रम पूर्वक संचालित करता है व दर्शकों को अपने कार्यक्रमों
से जोड़ कर रखता है । आप मंच संचालन को कठिन कार्य न समझकर अपितु एक सामान्य प्रक्रिया
समझकर इस कार्य को करें । बस अपको योजना के तहत कार्य करना होगा । इस पोस्ट में मंच
संचालन के विषय पर ही चर्चा की गई है ।
मंच संचालन के प्रकार-
मंच संचालन मुख्य रुप से दो प्रकार का होता है-
1. पूर्व नियोजित संचालन-
जिस संचालन की रूपरेखा पहले से योजनाबद्ध तरीके से निर्धारित हो, उसे पूर्व निर्धारित संचालन कहते हैं, जैसे- वर्षिक उत्सव, स्वतन्त्रता दिवस, गणतन्त्र दिवस आदि पर होने वाले संचालन ।
2. तात्कालिक संचालन-
बिना किसी पूर्व योजना व पूर्व अनिर्धारित समय के जो संचालन किया जाए वह तात्कालिक संचालन कहलाता है, जैसे- किसी अधिकारी या नेता आदि के अनिर्धारित निरीक्षण आदि पर होने वाला संचालन ।
मंच संचालन के लिए विशेष बातें-
मंच संचालन के लिए कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए , जो निम्न हैं-
1. सर्वप्रथम सम्पूर्ण कार्यक्रम की सूची
बना लें ।
2. कार्यक्रम के अन्तर्गत होने वाले क्रियाकलापों
को क्रमबद्ध रूप में लगा लें ।
3. कार्यक्रम के विषय से सम्बन्धित कुछ
श्लोक, दोहे, शायरी या कविता आदि संचालन के लिए एकत्रित कर लें, ताकि कार्यक्रम का संचालन आकर्षित बना रहे ।
4. कार्यक्रम में आने वाले अतिथि आदि लोगों
का सूक्ष्म परिचय अवश्य लिख लें, ताकि जब उनका स्वागत किया जाये तो दर्शकों को उनके
बारे में सामान्य जानकारी दी जा सके ।
5. मंच संचालन कर्ता का अपने सहयोगियों
के साथ अच्छा ताल-मेल बना कर रखे, नहीं तो कार्यक्रम में अव्यवस्था उत्पन्न हो जाएगी,
जैसे- दीप प्रज्वलन के समय जिसको दीप की जिम्मेदारी दे रखी हो वह सतर्क हो अथवा अतिथि
स्वागत के लिए जिसको स्वागत की जिम्मेदारी दे रखी हो वह सजग रहे ।
6. यदि संचालन के बीच में किसी कार्यक्रम
को आगे पीछे करना हो तो उसके लिए भी तैयारी रखें ।
7. मंच संचालन कर्ता पूरे कार्यक्रम की
स्क्रिप्ट लिख कर जरूर रखें, नहीं तो मंच पर हड़बड़ाहट या घबराहट का शिकार होना पड़ सकता
है ।
मंच
संचालक के गुण-
1. आत्मविश्वास-
आत्मविश्वास ही आपको मंच संचालक बना सकता है, आपके पास चाहे कितना भी ज्ञान हो, परन्तु यदि आप में आत्मविश्वास ही नहीं है तो आप कभी भी एक मंच संचालक नहीं बन सकते हैं ।
2. उच्चारण शुद्धता-
संचालक को अपनी भाषा पर विशेष ध्यान देना चाहिए, क्योंकि पूरे कार्यक्रम को संचालक ने ही आगे बढा़ना है, अत: अपनी भाषा में न तो अशुद्धियों का प्रयोग करें, न ही क्षेत्रीय बोलियों का प्रभाव आने दें ।
3. उचित हाव भाव-
संचालन का दूसरा प्रमुख गुण है सम्पूर्ण शरीर का हाव भाव । आप अपने चेहरे, वाणी व हस्त संचालन को अपने मंच संचालन में अवश्य उपयोग करें ।
4. पहनावा-
मंच संचालन किस विषय पर आधारित है, मंच संचालक का पहनावा उसी प्रकार का होना चाहिए । एक सफल संचालक को अपने पहनावे का चुनाव सोच-समझकर करना चाहिये ।
उदाहरण के लिए मंच संचालन की एक सम्पूर्ण स्क्रिप्ट-
अब यहाँ पर विद्यालय के वार्षिक दिवस के
संचालन की स्क्रिप्ट प्रस्तुत की जा रही है, जो आप सभी के लिए काफी उपयोगी होगी ।
विषय- विद्यालय के वार्षिक दिवस पर मंच संचालन-
विद्यालय
का वार्षिक उत्सव – वर्ष 20..-20..
विद्यालय
का नाम………..
अतिथियों का प्रवेश
यशिका- प्रत्येक विद्यालय में अनेक उत्सवों का आयोजन किया
जाता है, जैसे- स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, बाल दिवस, शिक्षक दिवस, गांधी जयंती
आदि । किंतु वर्ष में एक विशेष उत्सव का आयोजन भी किया जाता है, जिसे वार्षिक उत्सव
कहते हैं ।
वेदिका-
Annual Day forms an integral part of our school activities. It is an occasion
of celebration, felicitation, feast and festivity when students present not
only their wonderful performances but also receive honours for their curricular
and co-curricular achievements.
यशिका-
हमारे विद्यालय के लिए आज का दिन
बहुत ही खास है , क्योंकि हम सभी आज यहाँ पर अपने विद्यालय का वार्षिक उत्सव मनाने
के लिए एकत्रित हुए हैं । इस विशेष दिन के विशेष अवसर पर आज के कार्यक्रम की अध्यक्षा
विद्यालय की प्रधानाचार्या जी की अनुमति के साथ मैं यशिका और मैं वेदिका अपने अतिथियों,
विद्यालय प्रबन्धन समिति के सदस्यों, अभिभावकों, गुरुजनों व छात्र- छात्राओं का हार्दिक
स्वागत, वन्दन व अभिनन्दन करते हैं ।
दीप प्रज्वलन
वेदिका- भारतीय परंपरा में दीप प्रज्वलन का महत्वपूर्ण स्थान
है, अपनी परंपरा के साथ आगे बढाते हुए मैं प्रधानाचार्या जी से निवेदन करती हूँ कि
आप हमारे मुख्य अतिथियों के साथ दीप को प्रज्वलित
कर आज के कार्यक्रम का शुभारंभ करें । साथ में उमेश सर से निवेदन है कि आप वैदिक मन्त्रों
का वाचन करने की कृपा करें ।
अतिथियों का स्वागत
यशिका- “अतिथि देवो भव” अर्थात् अतिथि ईश्वर के समान होते
हैं । हमारे मध्य हमारे मुख्य अतिथि गण उपस्थित हैं, मैं आपके लिए कु्छ पंक्तियाँ प्रस्तुत
करना चाहती हूँ-
अतिथि देव बन आप पधारे, स्वागत
हो स्वीकार ।
द्वार हमारे आप आ गये - सहज
लुटाते प्यार ॥
साधन कम पर भाव पूर्ण हैं-
स्वागत को श्रीमान् ।
आशा है स्वीकार
करेंगे, भाव सुमन का हार ॥
वेदिका-
हमारे बीच उपस्थित हैं मुख्य अतिथि श्रीमान्……………….,
जो वर्तमान में इस क्षेत्र के लोकप्रिय विधायक हैं, मैं महोदय के बारे बताना चाहती
हूँ कि आप समय-समय पर हमारे विद्यालय को अपनी सेवाएँ प्रादान करते रहते हैं, हमारी
शैक्षिणक आवश्यकताएँ हों अथवा गैर शैक्षिणक आवश्यकताएँ, आप हमेशा हमारे विद्यालय को
सहयोग प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं । मैं अपने समस्त विद्यालय परिवार
की ओर से आपका हार्दिक अभिनन्दन करती हूँ ।
साथ ही मैं प्रधानाचार्या जी से निवेदन
करती हूँ कि आप माननीय विधायक जी को पुष्प गुच्छ प्रदान कर अतिथि महोदय जी का स्वागत
करें ।
यशिका-
हमारे मध्य उपस्थित हैं विशिष्ठ
अतिथि डाक्टर…………, आप वर्तमान में डिस्ट्रिक वेस्ट ए की DDE हैं, महोदय पूरे डिस्ट्रिक
की शिक्षा व्यवस्था को संचालित करने में बहुमूल्य योगदान दे रही हैं, साथ ही आपका सहयोग
हमारे विद्यालय के लिए भी अविस्मरणीय है । मैं अपने समस्त विद्यालय परिवार की तरफ़ से
आपका हार्दिक स्वागत करती हूँ ।
साथ ही मैं प्रधानाचार्या जी से निवेदन
करती हूँ कि आप माननीय DDE महोदया को पुष्प गुच्छ प्रदान कर अतिथि महोदया जी का स्वागत
करें ।
वेदिका-
हमारे मध्य उपस्थित हैं विशिष्ठ अतिथि श्रीमान्……..,
आप वर्तमान में डिस्ट्रिक वेस्ट ए के जोन…… के DDE हैं, महोदय जोन …. की शिक्षा व्यवस्था
को सफलता पूर्वक चलाने में बहुमूल्य योगदान दे रहे हैं, साथ ही आपका सहयोग हमारे विद्यालय
को उचित मार्गदर्शन प्रदान करता है । मैं अपने समस्त विद्यालय परिवार की ओर से आपका
हार्दिक स्वागत करती हूँ ।
साथ ही मैं प्रधानाचार्या जी से निवेदन
करती हूँ कि आप जोन ….. के DDE महोदय को पुष्प
गुच्छ प्रदान कर अतिथि महोदय जी का स्वागत करें ।
यशिका- हमारे मध्य उपस्थित हैं SMC कोर्डिनेटर
श्रीमती……, मैं अपने समस्त विद्यालय परिवार की ओर से आपका हार्दिक स्वागत करती हूँ
।
साथ ही मैं प्रधानाचार्या जी से निवेदन
करती हूँ कि आप …………..को जीवन रूपी पुष्प गुच्छ प्रदान कर अतिथि महोदय जी का स्वागत
करें ।
वेदिका- हमारे मध्य उपस्थित हैं (यदि कोई अन्य
अतिथि हो तो) ………………, मैं अपने समस्त विद्यालय परिवार की ओर से आपका हार्दिक स्वागत
करती हूँ ।
साथ ही मैं प्रधानाचार्या जी से निवेदन
करती हूँ कि आप ………………………को पुष्प गुच्छ प्रदान कर अतिथि महोदय जी का स्वागत करें ।
यशिका- साथ ही हमारे मध्य हमारे विद्यालय के
छात्र-छात्राओं के अभिभावक भी उपस्थित हैं । मैं हृदय की गहराइयों से अपने समस्त विद्यालय
परिवार की ओर से आपका हार्दिक स्वागत व अभिनन्दन करती हूँ ।
वार्षिक उत्सव का विषय- “शिक्षित राष्ट्र समर्थ राष्ट्र” एक परिचय
यशिका- महात्मा गाँधी जी ने कहा था कि शिक्षा एक ऐसा साधन
है जो राष्ट्र की सामाजिक व आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए जीवन्त भूमिका निभा
सकती है । यह नागरिकों की विश्लेषण क्षमता के साथ-साथ उनका सशक्तीकरण भी करती है । उनके आत्मविश्वास का स्तर बेहतर बनाती है और उन्हे
शक्ति से परिपूर्ण करती है ।
वेदिका- Education not only involves learning from
textbooks, but also involves increasing human values, skills and abilities.
With education, man not only gets employment but also plays an important role
in improving the social scenario around
him. Thus, education is essential not only for personal progress but also for
the progress of society.
यशिका- शिक्षा ही मनुष्य को मनुष्यता की तरफ़ ले जाती है,
मनुष्य और पशु में यदि कोई अंतर है तो वो बुद्धि
का है , बुद्धि को तीक्ष्ण बनाने में शिक्षा महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है । इस वर्ष वार्षिक उत्सव का विषय “शिक्षित राष्ट्र
समर्थ राष्ट्र” निर्धारित किया गया है । विषय को आधार बनाकर आज हम सभी अपने विद्यालय
का वर्षिक उत्सव मनाने के लिए यहाँ एकत्रित हुए हैं ।
सरस्वती वन्दना
वेदिका-
वर दो माता शारदे , विद्या
का दो ज्ञान ।
ज्ञान
बुद्धि से युक्त हों , मिटे सकल अज्ञान ॥
यशिका-
सरस्वती के नाम से , कलुष
भाव हो अन्त ।
शब्द
सृजन होवें सरस , रसना हो रसवन्त ॥
माँ सरस्वती को विद्या की देवी कहा जाता
है । किसी भी शैक्षिक कार्य को आरम्भ करने से पूर्व माँ सरस्वती जी का ध्यान अवश्य
किया जाता है । तो कार्यक्रम को आगे बढाते
हुए मैं मंच पर सरस्वती वन्दना की छात्राओं को आमन्त्रित करती हूँ । एक बार जोरदार
तालियों से सरस्वती वन्दना की छात्राओं का स्वागत किया जाए ।
…….( सरस्वती वन्दना…..)…..
वेदिका-
इस मनमोहक प्रस्तुति के लिए एक बार पुन: आपकी
जोरदार तालियां बजती रहें ।
वार्षिक रिपोर्ट
वेदिका- किसी सुन्दर उपवन के मनोहर पुष्पों से जैसे एक सुन्दर
गुलदस्ता तैयार किया जाता है, उसी प्रकार विद्यालय का वार्षिक आंकलन उसकी वार्षिक रिपोर्ट
से होता है । अत: मैं अपने विद्यालय की प्रधानाचार्या जी से निवेदन करूँगी कि आप हमारे
विद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने की कृपा करें ।
……..वार्षिक रिपोर्ट की प्रस्तुति…..
यशिका- बहुत-बहुत धन्यवाद मैम आपका, जो आपने हम सभी के सम्मुख
वर्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की ।
वार्षिक पत्रिका का विमोचन
वेदिका- The school magazine is like a mirror of that
school. The same shows the academic and cultural activities of the school as
well as its literary expression. The school magazine is a proof that the school
family is committed to the all round development of the students and that they
are continuously making positive efforts in this field.
यशिका- “सुकृति” हमारे विद्यालय की वार्षिक पत्रिका है ।
इसमें छात्रों की लेखन प्रतिभा का विकास एवं उनके अंदर छुपी हुई प्रतिभाओं को प्रदर्शित
करने का अवसर प्रादान किया जाता है । अभिव्यक्ति के माध्यम से छात्रों में एक नया जोश
पैदा कर उनके अंदर छुपे हुए कलाकार को बाहर निकाला गया है । छात्रों ने अपने अन्दर छुपे भावों को कहानी, कविता,
निबन्ध, लेख, चुटकुल्लों व सूक्तियों के माध्यम
से अभिव्यक्त किया है ।
मैं विद्यालय की प्रधानाचार्या जी से निवेदन करुँगी
कि आप आज के सभी अतिथियों को पुस्तक के विमोचन के लिये मंच पर लाने की कृपा करें और
साथ ही वार्षिक पत्रिका की सम्पादिका ………… मैम से भी निवेदन करती हूँ कि आप भी पत्रिका
के विमोचन के लिए मंच पर पधारें ।
……( पुस्तक का
अनावरण )…….
मैं मंच पर उपस्थित सभी अतिथियों से निवेदन
करती हूँ कि आप अपना स्थान पुन: ग्रहण करें ।
शैक्षणिक पुरस्कार
वेदिका-
पुरस्कार किसी भी क्षेत्र में मिले, वह उत्साह
बढाने में चार चाँद लगा देता है । इस वार्षिक दिवस के उपलक्ष में प्रत्येक वर्ष की
तरह इस वर्ष भी शैक्षणिक पुरस्कार, खेल पुरस्कार,
सांस्कृतिक पुरस्कार, व अन्य विभिन्न प्रकार के पुरस्कारों को प्रदान किया जा रहा है
। मैं पुरस्कार प्राप्त कर्ताओं के लिए चन्द पंक्तियाँ प्रस्तुत करना चाहती हूँ-
परिश्रम के पसीने
से जब,
सफ़लता की फसल खिलती है ।
तब किसी एक से
नहीं,
पूरे जमाने से बधाइयाँ मिलती हैं ॥
तो आइये पुरस्कार समारोह में सर्वप्रथम
शैक्षणिक पुरस्कारों से प्रारम्भ कर पिछले सत्र अपनी-अपनी कक्षाओं में प्रथम, द्वितीय
व तृतीय पुरस्कार लाने वाले छात्रों को पुरस्कार प्रदान किए जाएँ । इन पुरस्कारों को
प्रदान करने के लिए मैं प्रधानाचार्या जी से निवेदन करूँगी कि आप ……………… …………………………………. को मंच पर लाने की कृपा करें ।
( मंच पर प्रवेश )
यशिका- मैं क्रम से जिन छात्र-छात्राओं का नाम घोषित करुँगी
कृपया वे सभी मंच पर आकर अपना पुरस्कार प्राप्त करें ।
(जिन छात्र-छात्राओं को पुरस्कार देने हैं
क्रम से उनके नाम प्रस्तुत करें ।)
सांस्कृतिक कार्यक्रम
सांस्कृतिक कार्यक्रम- पढोगे लिखोगे…
यशिका- वार्षिक उत्सव के इस कार्यक्रम में अनेक सांस्कृतिक
कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया है, इस क्रम में आने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम का
विषय है- पढोगे लिखोगे बनोगे नवाब, जिसे प्रस्तुत करने आ रहे हैं प्राइमरी के छात्र-छात्राएँ
। इस प्रस्तुति के लिए मैं दो पंक्तियाँ प्रस्तुत करना चाहती हूँ-
अशिक्षित
को शिक्षा दो, अज्ञानी को ज्ञान ।
शिक्षा
से ही बन सकता है, भारत देश महान ॥
तो आप सभी की जोरदार तालियों से स्वागत
है पढोगे लिखोगे बनोगे नवाब …. के सभी छात्र-छात्राओं का…
(
डांस समाप्त )
बहुत बहुत अभार पढोगे लिखोगे बनोगे नवाब
…. के सभी छात्र-छात्राओं का…आपकी तालियाँ इन सभी के उत्साहवर्धन के लिए बजती रहें
।
सांस्कृतिक कार्यक्रम- CWSN
वेदिका- सांस्कृतिक कार्यक्रमों के क्रम में अगली प्रस्तुति
बहुत ही खास है, क्योंकि यह प्रस्तुति हमारे विद्यालय के CWSN के छात्र-छात्राओं के
द्वारा होने वाली है । इस समूह के लिए चन्द पंक्तियाँ हैं-
सोचने
से कहाँ मिलते हैं, तमन्नाओं के शहर ।
चलना
भी जरूरी है, मंजिल पाने के लिए ॥
तो आप सभी की जोरदार तालियों से स्वागत
है CWSN के छात्र- छात्राओं का ।
(
डांस समाप्त )
बहुत बहुत अभार CWSN के सभी छात्र-छात्राओं
का…आपकी तालियाँ इन सभी के उत्साहवर्धन के लिए बजती रहें ।
सांस्कृतिक कार्यक्रम- GIRLS EDUCTION
वेदिका- अगला सांस्कृतिक कार्यक्रम किस विषय पर आधारित है,
ये आप सभी इन पंक्तियों से स्वयं ही समझ जाएँगे-
उन्नति के पर्वत पर तभी समाज
चढेगा,
हर घर में जब बेटी का सम्मान बढेगा ।
बेटी को पढाओ अब यही नारा
है,
देश आगे बढाओ भारत देश हमारा है ॥
अब आप समझ ही गए होंगे कि अगली प्रस्तुति
GIRLS EDUCATION पर आधारित है, जिसे 8th A की छात्राएँ प्रस्तुत कर रही हैं । आप सभी
की जोरदार तालियों से स्वागत है GIRLS EDUCATION की सभी छात्राओं का ।
(
डांस समाप्त )
समाज में बेटी को बचाने और पढाने का जो
सन्देश GIRLS EDUCATION की टीम ने दिया वह हम सभी के लिए सीखने योग्य है । जोरदार तालियों
से इन सभी छात्राओं का बहुत-बहुत धन्यवाद ।
सांस्कृतिक
कार्यक्रम- skit/play
वेदिका-
सांस्कृतिक कार्यक्रमों की अगली प्रस्तुति एक
नाटक की है, जिसका विषय है- शिक्षा का अधिकार ।
इस नाटक को प्रस्तुत करने आ रहे हैं 9th A व B के छात्र-छात्राएँ । तो मंच पर आप सभी की जोरदार
तालियों से स्वागत है नाटक के सभी छात्र-छात्राओं का ।
(नाटक
समाप्त )
नाटक की प्रस्तुति देने वाले सभी छात्र-छात्राओं
का बहुत-बहुत धन्यवाद । आप सभी की तालियाँ
इस प्रस्तुति के लिए बजती रहें ।
सांस्कृतिक कार्यक्रम- Uri song dance
यशिका-
आन देश
की शान देश की, देश की हम सन्तान हैं ।
तीन
रंगों से रंगा तिरंगा, अपनी ये पहचान है ॥
देशभक्ति पर आधारित अगली प्रस्तुति आप
सभी के बीच आने वाली है, जिसे प्रस्तुत करेंगे 7th व 8th के छात्र । तो आपकी जोरदार
तालियाँ इस प्रस्तुति के स्वागत के लिए बजती रहें ।
(
डांस समाप्त )
बहुत-बहुत धन्यवाद इस प्रस्तुति के छात्रों
का ।
सांस्कृतिक कार्यक्रम- क्रिसमस डांस
वेदिका-
सांस्कृतिक कार्यक्रमों की अगली प्रस्तुति का
विषय है क्रिसमस डांस, इस डांस को प्रस्तुत करने आ रहे हैं 3rd , 4th व 5th के छात्र-छात्राएँ । तो आप सभी की तालियों के साथ
स्वागत करते हैं क्रिसमस डांस टीम का ।
(
डांस समाप्त )
बहुत-बहुत धन्यवाद क्रिसमस डांस टीम का
।
सांस्कृतिक कार्यक्रम- भांगडा डांस
यशिका- विविध संस्कृतियों से परिपूर्ण हमारा देश, जहाँ नृत्य
की अनेक विधाएँ हैं, उन्ही में से एक विधा
है भांगडा, जिसे पंजाब की शान कहा जाता है । भांगडा की प्रस्तुति देने के लिए आ रहे
हैं 9th व 11th के छात्र-छात्राएँ । आपकी सुमधुर तालियों से स्वागत किया जाए भांगडा
की टीम का ।
(
डांस समाप्त )
हम सभी के लिए सुन्दर प्रस्तुति देने के
लिए भांगडा टीम का बहुत-बहुत धन्यवाद ।
सांस्कृतिक कार्यक्रम- गिद्दा
यशिका-
सांस्कृतिक कार्यक्रमों में आज की
अन्तिम प्रस्तुति है गिद्दा डांस, जिसकी प्रस्तुति देने आ रहे हैं 11th के छात्र-छात्राएँ
। एक बार आप सभी जोरदार तालियों से स्वागत है गिद्दा डांस की टीम का ।
(
डांस समाप्त )
बहुत-बहुत धन्यवाद भांगडा डांस टीम का
। जोरदार तालियों से इनका धन्यवाद करें ।
इस प्रकार यह एक उदाहरण है मंच संचालन
का । उम्मीद है अपको इस से मदद अवश्य मिलेगी । आप अपने कार्यक्रम के अनुसार इसमें अपेक्षित
परिवर्तन कर सकते हैं ।
हमारी अन्य पोस्ट भी देखें-
1. संज्ञा की परिभाषा, भेद व उदाहरण
1. संज्ञा की परिभाषा, भेद व उदाहरण
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4. माहेश्वर सूत्राणि
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19 Comments
आपके द्वारा दी गई जानकारियां अत्यन्त उपयोगी होती है।
ReplyDeleteधन्य्वाद जी ।
DeleteDhanyawad aapki har post lajavab hoti ha.
ReplyDeleteधन्यवाद जी ।
Deleteबहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी धन्यवाद
ReplyDeleteDHANYAWAD JI APKA BAHUT BAHUT
Deleteबहुत सुंदर लेख मंच संचालन पर। यदि मंच संचालन के लिए इस प्रकार की सज्जता न हो तो सभा नीरस लगता है। मैं आशा करता हूं कि यह लेख छात्रों तथा अध्यापकों से लेकर उन सभी कलाप्रेमी बंधुओं के लिए भी लाभदायक होगा जो एक परिनिष्ठित हिंदी मंच संचालन चाहते हैं।
ReplyDeleteधन्यवाद नवीन पैन्यूली जी
Dhanyawad paji,, apka sahyog bhi is page ke liye jaruri hai.
Deleteमंच संचालन के बारे में बहुत ही सुन्दर और बारिकी जानकारी दी है। अगर इन जानकारियों पर बिशेष ध्यान दिया जाये तों एक सफल संचालन की भूमिका निभाई जा सकती है।
Deleteबहुत बहुत धन्यवाद।
Nice post
ReplyDeletethanx ji
DeleteBhut achi jankari 👌bhai
ReplyDeletedhanyawad ji
Delete
ReplyDeleteबहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी धन्यवाद
dhanyawad ji apka
DeleteNice Article. Anchoring Script in Hindi
ReplyDeleteअगर इन जानकारियों पर बिशेष ध्यान दिया जाये तों एक सफल संचालन की भूमिका निभाई जा सकती है। thanks youtube thumbnail download.in
ReplyDeleteTnak ton share [youtube thumbnail download](https://youtube-thumbnail-download.in)
ReplyDeletenice Sir
ReplyDeleteसाथियों ! यह पोस्ट अपको कैसे लगी, कमेंट करके अवश्य बताएँ, यदि आप किसी टोपिक पर जानकारी चाहते हैं तो वह भी बता सकते हैं ।