शब्दरुप
प्रकरण
शब्द रूप के प्रकार-
1. अजन्त शब्दरूप-
2. हलन्त शब्दरूप-
लिंग की दृष्टि से शब्दरूप के भेद-
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shabd roop in sanskrit |
1. पुल्लिंग शब्दरूप-
2. स्त्रीलिंग-
3. नपुंसकलिंग-
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shabd roop |
शब्द का अन्त पहचानना-
हलन्त शब्दरूप-
शब्दरूप का निर्माण-
संज्ञा शब्दरूप-
1. पुल्लिंग शब्दरूप-
1.
अकारान्त पुल्लिंग- राम (अजन्त)
विभक्ति |
एकवचन |
द्विवचन |
बहुवचन |
प्रथमा |
रामः |
रामौ |
रामाः |
द्वितीया |
रामम् |
रामौ |
रामान् |
तृतीया |
रामेण |
रामाभ्याम् |
रामैः |
चतुर्थी |
रामाय |
रामाभ्याम् |
रामेभ्यः |
पंचमी |
रामात् |
रामाभ्याम् |
रामेभ्यः |
षष्ठी |
रामस्य |
रामयोः |
रामाणाम् |
सप्तमी |
रामे |
रामयोः |
रामेषु |
सम्बोधन |
हे राम ! |
हे रामौ ! |
हे रामाः |
2. आकारान्त पुल्लिंग- विश्वपा (अजन्त)
विभक्ति |
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमा |
विश्वपाः |
विश्वपौ |
विश्वपाः |
द्वितीया |
विश्वपाम् |
विश्वपौ |
विश्वपः |
तृतीया |
विश्वपा |
विश्वपाभ्याम् |
विश्वपाभिः |
चतुर्थी |
विश्वपे |
विश्वपाभ्याम् |
विश्वपाभ्यः |
पञ्चमी |
विश्वपः |
विश्वपाभ्याम् |
विश्वपाभ्यः |
षष्ठी |
विश्वपः |
विश्वपोः |
विश्वपाम् |
सप्तमी |
विश्वपि |
विश्वपोः |
विश्वपासु |
सम्बोधन |
हे विश्वपाः |
हे विश्वपौ |
हे विश्वपाः |
3. इकारान्त पुल्लिंग- हरि (अजन्त)
विभक्ति
|
एकवचन
|
द्विवचन
|
बहुवचन
|
प्रथमा
|
हरिः
|
हरी
|
हरयः
|
द्वितीया
|
हरिं
|
हरी
|
हरीन्
|
तृतीया
|
हरिणा
|
हरिभ्याम्
|
हरिभिः
|
चर्तुथी
|
हरये
|
हरिभ्याम्
|
हरिभ्यः
|
पंचमी
|
हरेः
|
हरिभ्याम्
|
हरिभ्यः
|
षष्ठी
|
हरेः
|
हर्योः
|
हरीणां
|
सप्तमी
|
हरौ
|
हर्योः
|
हरिषु
|
सम्बोधन
|
हे
हरे !
|
हे
हरी !
|
हे
हरयः!
|
4. इकारान्तपुल्लिंग- पति (अजन्त)
विभक्ति
|
एकवचनम्
|
द्विवचनम्
|
बहुवचनम्
|
प्रथमा
|
पतिः
|
पती
|
पतयः
|
द्वितीया
|
पतिम्
|
पती
|
पतीन्
|
तृतीया
|
पत्या
|
पतिभ्याम्
|
पतिभिः
|
चतुर्थी
|
पत्ये
|
पतिभ्याम्
|
पतिभ्यः
|
पञ्चमी
|
पत्युः
|
पतिभ्याम्
|
पतिभ्यः
|
षष्ठी
|
पत्युः
|
पत्योः
|
पतीनाम्
|
सप्तमी
|
पत्यौ
|
पत्योः
|
पतिषु
|
सम्बोधन
|
हे
पते
|
हे
पती
|
हे
पतयः
|
5. उकारान्त पुल्लिंग- गुरु (अजन्त)
विभक्ति
|
एकवचनम्
|
द्विवचनम्
|
बहुवचनम्
|
प्रथमा
|
गुरुः
|
गुरू
|
गुरवः
|
द्वितीया
|
गुरुम्
|
गुरू
|
गुरून्
|
तृतीया
|
गुरुणा
|
गुरुभ्याम्
|
गुरुभिः
|
चतुर्थी
|
गुरवे
|
गुरुभ्याम्
|
गुरुभ्यः
|
पञ्चमी
|
गुरोः
|
गुरुभ्याम्
|
गुरुभ्यः
|
षष्ठी
|
गुरोः
|
गुर्वोः
|
गुरूणाम्
|
सप्तमी
|
गुरौ
|
गुर्वोः
|
गुरुषु
|
सम्बोधन
|
हे
गुरो
|
हे
गुरू
|
हे
गुरवः
|
6. ऊकारान्तपुल्लिंग- वर्षाभू (अजन्त)
विभक्ति |
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमा |
वर्षाभूः |
वर्षाभ्वौ |
वर्षाभ्वः |
द्वितीया |
वर्षाभूम् |
वर्षाभ्वौ |
वर्षाभून् |
तृतीया |
वर्षाभ्वा |
वर्षाभूभ्याम् |
वर्षाभूभिः |
चतुर्थी |
वर्षाभ्वे |
वर्षाभूभ्याम् |
वर्षाभूभ्यः |
पञ्चमी |
वर्षाभ्वः |
वर्षाभूभ्याम् |
वर्षाभूभ्यः |
षष्ठी |
वर्षाभ्वः |
वर्षाभ्वौ |
वर्षाभ्वाम् |
सप्तमी |
वर्षाभ्विः |
वर्षाभ्वौ |
वर्षाभूषु |
सम्बोधन |
हे
वर्षाभूः |
हे
वर्षाभ्वौ |
हे
वर्षाभ्वः |
7. ऋकारान्तपुल्लिंग- कर्तृ (अजन्त)
विभक्ति
|
एकवचनम्
|
द्विवचनम्
|
बहुवचनम्
|
प्रथमा
|
कर्ता
|
कर्तारौ
|
कर्तारः
|
द्वितीया
|
कर्तारम्
|
कर्तारौ
|
कर्तॄन्
|
तृतीया
|
कर्त्रा
|
कर्तृभ्याम्
|
कर्तृभिः
|
चतुर्थी
|
कर्त्रे
|
कर्तृभ्याम्
|
कर्तृभ्यः
|
पञ्चमी
|
कर्तुः
|
कर्तृभ्याम्
|
कर्तृभ्यः
|
षष्ठी
|
कर्तुः
|
कर्त्रोः
|
कर्तॄणाम्
|
सप्तमी
|
कर्तरि
|
कर्त्रोः
|
कर्तृषु
|
सम्बोधन
|
हे
कर्ता
|
हे
कर्तारौ
|
हे
कर्तारः
|
8. ऋकारान्तपुल्लिंग- पितृ (अजन्त)
विभक्ति
|
एकवचनम्
|
द्विवचनम्
|
बहुवचनम्
|
प्रथमा
|
पिता
|
पितरौ
|
पितरः
|
द्वितीया
|
पितरम्
|
पितरौ
|
पितॄन्
|
तृतीया
|
पित्रा
|
पितृभ्याम्
|
पितृभिः
|
चतुर्थी
|
पित्रे
|
पितृभ्याम्
|
पितृभ्यः
|
पञ्चमी
|
पितुः
|
पितृभ्याम्
|
पितृभ्यः
|
षष्ठी
|
पितुः
|
पित्रोः
|
पितॄणाम्
|
सप्तमी
|
पितरि
|
पित्रोः
|
पितृषु
|
सम्बोधन
|
हे
पिता
|
हे
पितरौ
|
हे
पितरः
|
9. ओकारान्तपुल्लिंग- गो (अजन्त)
विभक्ति
|
एकवचनम्
|
द्विवचनम्
|
बहुवचनम्
|
प्रथमा
|
गौः
|
गावौ
|
गावः
|
द्वितीया
|
गाम्
|
गावौ
|
गावः
|
तृतीया
|
गवा
|
गोभ्याम्
|
गोभिः
|
चतुर्थी
|
गवे
|
गोभ्याम्
|
गोभ्यः
|
पञ्चमी
|
गोः
|
गोभ्याम्
|
गोभ्यः
|
षष्ठी
|
गोः
|
गवोः
|
गवाम्
|
सप्तमी
|
गवि
|
गवोः
|
गोषु
|
सम्बोधन
|
हे
गौः
|
हे
गावौ
|
हे
गावः
|
10. नकारान्तपुल्लिंग- आत्मन् (हलन्त)
विभक्ति |
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमा |
आत्मा |
आत्मानौ |
आत्मानः |
द्वितीया |
आत्मानम् |
आत्मानौ |
आत्मनः |
तृतीया |
आत्मना |
आत्मभ्याम् |
आत्माभिः |
चतुर्थी |
आत्मने |
आत्माभ्यम् |
आत्मभ्यः |
पञ्चमी |
आत्मनः |
आत्मभ्याम् |
आत्मभ्यः |
षष्ठी |
आत्मनः |
आत्मनोः |
आत्मनाम् |
सप्तमी |
आत्मनि |
आत्मनोः |
आत्मसु |
सम्बोधन |
हे
आत्मन् |
हे
आत्मानौ |
हे
आत्मानः |
11. नकारान्त पुल्लिंग- राजन् (हलन्त)
विभक्ति
|
एकवचनम्
|
द्विवचनम्
|
बहुवचनम्
|
प्रथमा
|
राजा
|
राजानौ
|
राजानः
|
द्वितीया
|
राजानम्
|
राजानौ
|
राज्ञः
|
तृतीया
|
राज्ञा
|
राजभ्याम्
|
राजभिः
|
चतुर्थी
|
राज्ञे
|
राजभ्याम्
|
राजभ्यः
|
पञ्चमी
|
राज्ञः
|
राजभ्याम्
|
राजभ्यः
|
षष्ठी
|
राज्ञः
|
राज्ञोः
|
राज्ञाम्
|
सप्तमी
|
राज्ञि,
राजनि
|
राज्ञोः
|
राजसु
|
सम्बोधन
|
हे
राजन्
|
हे
राजानौ
|
हे
राजानः
|
12. सकारान्त पुल्लिंग- विद्वस् (हलन्त)
विभक्ति |
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमा |
विद्वान् |
विद्वांसौ |
विद्वांसः |
द्वितीया |
विद्वांसम् |
विद्वांसौ |
विदुषः |
तृतीया |
विदुषा |
विद्वद्भ्याम् |
विद्वद्भिः |
चतुर्थी |
विदुषे |
विद्वद्भ्याम् |
विद्वद्भ्यः |
पञ्चमी |
विदुषः |
विद्वद्भ्याम् |
विद्वद्भ्यः |
षष्ठी |
विदुषः |
विदुषोः |
विदुषाम् |
सप्तमी |
विदुषि |
विदुषोः |
विद्वत्सु |
सम्बोधन |
हे
विद्वन् |
हे
विद्वांसौ |
हे
विद्वांसः |
2. स्त्रीलिंग शब्दरूप-
1. आकारान्त स्त्रीलिंग- रमा (अजन्त)
विभक्ति
|
एकवचनम्
|
द्विवचनम्
|
बहुवचनम्
|
प्रथमा
|
रमा
|
रमे
|
रमाः
|
द्वितीया
|
रमाम्
|
रमे
|
रमाः
|
तृतीया
|
रमया
|
रमाभ्याम्
|
रमाभिः
|
चतुर्थी
|
रमायै
|
रमाभ्याम्
|
रमाभ्यः
|
पञ्चमी
|
रमायाः
|
रमाभ्याम्
|
रमाभ्यः
|
षष्ठी
|
रमायाः
|
रमयोः
|
रमाणाम्
|
सप्तमी
|
रमायाम्
|
रमयोः
|
रमासु
|
सम्बोधन
|
हे
रमे
|
हे
रमे
|
हे
रमाः
|
2. इकारान्तस्त्रीलिंग- मति (अजन्त)
विभक्ति
|
एकवचनम्
|
द्विवचनम्
|
बहुवचनम्
|
प्रथमा
|
मतिः
|
मती
|
मतयः
|
द्वितीया
|
मतिम्
|
मती
|
मतीः
|
तृतीया
|
मत्या
|
मतीभ्याम्
|
मतिभिः
|
चतुर्थी
|
मत्यै,
मतये
|
मतीभ्याम्
|
मतिभ्यः
|
पञ्चमी
|
मत्याः,
मतेः
|
मतीभ्याम्
|
मतिभ्यः
|
षष्ठी
|
मत्याः,
मतेः
|
मत्योः
|
मतीनाम्
|
सप्तमी
|
मत्याम्,
मतौ
|
मत्योः
|
मतिषु
|
सम्बोधन
|
हे
मते
|
हे
मती
|
हे
मतयः
|
3. ईकारान्त स्त्रीलिंग- नदी (अजन्त)
विभक्ति
|
एकवचनम्
|
द्विवचनम्
|
बहुवचनम्
|
प्रथमा
|
नदी
|
नद्यौ
|
नद्यः
|
द्वितीया
|
नदीम्
|
नद्यौ
|
नदीः
|
तृतीया
|
नद्या
|
नदीभ्याम्
|
नदीभिः
|
चतुर्थी
|
नद्यै
|
नदीभ्याम्
|
नदीभ्यः
|
पञ्चमी
|
नद्याः
|
नदीभ्याम्
|
नदीभ्यः
|
षष्ठी
|
नद्याः
|
नद्योः
|
नदीनाम्
|
सप्तमी
|
नद्याम्
|
नद्योः
|
नदीषु
|
सम्बोधन
|
हे
नदि
|
हे
नद्यौ
|
हे
नद्यः
|
4.
उकारान्त स्त्रीलिंग- धेनु (अजन्त)
विभक्ति
|
एकवचनम्
|
द्विवचनम्
|
बहुवचनम्
|
प्रथमा
|
धेनुः
|
धेनू
|
धेनवः
|
द्वितीया
|
धेनुम्
|
धेनू
|
धेनूः
|
तृतीया
|
धेन्वा
|
धेनुभ्याम्
|
धेनुभिः
|
चतुर्थी
|
धेन्वै,
धेनवे
|
धेनुभ्याम्
|
धेनुभ्यः
|
पञ्चमी
|
धेन्वाः,
धेनोः
|
धेनुभ्याम्
|
धेनुभ्यः
|
षष्ठी
|
धेन्वाः,
धेनोः
|
धेन्वोः
|
धेनूनाम्
|
सप्तमी
|
धेन्वाम्,
धेनौ
|
धेन्वोः
|
धेनुषु
|
सम्बोधन
|
हे
धेनो
|
हे
धेनू
|
हे
धेनवः
|
5. ऊकारान्त स्त्रीलिंग- वधू (अजन्त)
विभक्ति
|
एकवचनम्
|
द्विवचनम्
|
बहुवचनम्
|
प्रथमा
|
वधू
|
वध्वौ
|
वध्वः
|
द्वितीया
|
वधूम्
|
वध्वौ
|
वधूः
|
तृतीया
|
वध्वा
|
वधूभ्याम्
|
वधूभिः
|
चतुर्थी
|
वध्वै
|
वधूभ्याम्
|
वधूभ्यः
|
पञ्चमी
|
वध्वाः
|
वधूभ्याम्
|
वधूभ्यः
|
षष्ठी
|
वध्वाः
|
वध्वोः
|
वधूनाम्
|
सप्तमी
|
वध्वाम्
|
वध्वोः
|
वधुषु
|
सम्बोधन
|
हे
वधु
|
हे
वध्वौ
|
हे
वध्वः
|
6. ऋकारान्त स्त्रीलिंग- मातृ (अजन्त)
विभक्ति
|
एकवचनम्
|
द्विवचनम्
|
बहुवचनम्
|
प्रथमा
|
माता
|
मातरौ
|
मातरः
|
द्वितीया
|
मातरम्
|
मातरौ
|
मातृः
|
तृतीया
|
मात्रा
|
मातृभ्याम्
|
मातृभिः
|
चतुर्थी
|
मात्रे
|
मातृभ्याम्
|
मातृभ्यः
|
पञ्चमी
|
मातुः
|
मातृभ्याम्
|
मातृभ्यः
|
षष्ठी
|
मातुः
|
मात्रोः
|
मातृणाम्
|
सप्तमी
|
मातरि
|
मात्रोः
|
मातृषु
|
सम्बोधन
|
हे
मातः
|
हे
मातरौ
|
हे
मातरः
|
7.
चकारान्त स्त्रीलिंग- वाच् (हलन्त)
विभक्ति
|
एकवचनम्
|
द्विवचनम्
|
बहुवचनम्
|
प्रथमा
|
वाक्,
वाग्
|
वाचौ
|
वाचः
|
द्वितीया
|
वाचम्
|
वाचौ
|
वाचः
|
तृतीया
|
वाचा
|
वाग्भ्याम्
|
वाग्भिः
|
चतुर्थी
|
वाचे
|
वाग्भ्याम्
|
वाग्भ्यः
|
पञ्चमी
|
वाचः
|
वाग्भ्याम्
|
वाग्भ्यः
|
षष्ठी
|
वाचः
|
वाचोः
|
वाचाम्,
|
सप्तमी
|
वाचि
|
वाचोः
|
वाक्षु
|
सम्बोधन
|
हे
वाच्, वाग्
|
हे
वाचौ
|
हे
वाचः
|
3. नपुंसकलिंग-
1. अकारान्त नपुंसकलिंग- फल (अजन्त)
विभक्ति
|
एकवचनम्
|
द्विवचनम्
|
बहुवचनम्
|
प्रथमा
|
फलम्
|
फले
|
फलानि
|
द्वितीया
|
फलम्
|
फले
|
फलानि
|
तृतीया
|
फलेन
|
फलाभ्याम्
|
फलैः
|
चतुर्थी
|
फलाय
|
फलाभ्याम्
|
फलेभ्यः
|
पञ्चमी
|
फलात्
|
फलाभ्याम्
|
फलेभ्यः
|
षष्ठी
|
फलस्य
|
फलयोः
|
फलानाम्
|
सप्तमी
|
फले
|
फलयोः
|
फलेषु
|
सम्बोधन
|
हे
फलम्
|
हे
फले
|
हे
फलानि
|
2. इकारान्त नपुंसकलिंग- वारि (अजन्त)
विभक्ति
|
एकवचनम्
|
द्विवचनम्
|
बहुवचनम्
|
प्रथमा
|
वारि
|
वारिणी
|
वारीणि
|
द्वितीया
|
वारि
|
वारिणी
|
वारीणि
|
तृतीया
|
वारिणा
|
वारिभ्याम्
|
वारिभिः
|
चतुर्थी
|
वारिणे
|
वारिभ्याम्
|
वारिभ्यः
|
पञ्चमी
|
वारिेणः
|
वारिभ्याम्
|
वारिभ्यः
|
षष्ठी
|
वारिेणः
|
वारिणोः
|
वारीणाम्
|
सप्तमी
|
वारिणि
|
वारिणोः
|
वारिषु
|
सम्बोधन
|
हे
वारिे
|
हे
वारिणी
|
हे
वारीणि
|
3. उकारान्त नपुंसकलिंग- मधु (अजन्त)
विभक्ति
|
एकवचनम्
|
द्विवचनम्
|
बहुवचनम्
|
प्रथमा
|
मधु
|
मधुनी
|
मधूनि
|
द्वितीया
|
मधु
|
मधुनी
|
मधूनि
|
तृतीया
|
मधुना
|
मधुभ्याम्
|
मधुभिः
|
चतुर्थी
|
मधुने
|
मधुभ्याम्
|
मधुभ्यः
|
पञ्चमी
|
मधुनः
|
मधुभ्याम्
|
मधुभ्यः
|
षष्ठी
|
मधुनः
|
मधुनोः
|
मधूनाम्
|
सप्तमी
|
मधुनि
|
मधुनोः
|
मधुषु
|
सम्बोधन
|
हे
मधो
|
हे
मधु
|
हे
मधूनि
|
विभक्ति
|
एकवचनम्
|
द्विवचनम्
|
बहुवचनम्
|
प्रथमा
|
पयः
|
पयसी
|
पयांसि
|
द्वितीया
|
पयः
|
पयसी
|
पयांसि
|
तृतीया
|
पयसा
|
पयोभ्याम्
|
पयोभिः
|
चतुर्थी
|
पयसे
|
पयोभ्याम्
|
पयोभ्यः
|
पञ्चमी
|
पयसः
|
पयोभ्याम्
|
पयोभ्यः
|
षष्ठी
|
पयसः
|
पयसोः
|
पयसाम्
|
सप्तमी
|
पयसि
|
पयसोः
|
पयःसु
|
सम्बोधन
|
हे
पयः
|
हे
पयसी
|
हे
पयांसि
|
5. तकारान्त नपुंसकलिंग- जगत् (हलन्त)
विभक्ति |
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमा |
जगत् |
जगती |
जगन्ति |
द्वितीया |
जगत् |
जगती |
जगन्ति |
तृतीया |
जगता |
जगद्भ्याम् |
जगद्भिः |
चतुर्थी |
जगते |
जगद्भ्याम् |
जगद्भ्यः |
पञ्चमी |
जगतः |
जगद्भ्याम् |
जगद्भ्यः |
षष्ठी |
जगतः |
जगतोः |
जगताम् |
सप्तमी |
जगति |
जगतोः |
जगत्सु |
सम्बोधन |
हे
जगत् |
हे
जगती |
हे
जगन्ति |
6. नकारान्त नपुंसकलिंग- नामन् (हलन्त)
विभक्ति
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एकवचनम्
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द्विवचनम्
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बहुवचनम्
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प्रथमा
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नाम
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नामनी
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नामानि
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द्वितीया
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नाम
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नामनी
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नामानि
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तृतीया
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नाम्ना
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नामभ्याम्
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नामभिः
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चतुर्थी
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नाम्ने
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नामभ्याम्
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नामभ्यः
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पञ्चमी
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नाम्नः
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नामभ्याम्
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नामभ्यः
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षष्ठी
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नाम्नः
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नाम्नोः
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नाम्नाम्
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सप्तमी
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नाम्नि
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नाम्नोः
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नामसु
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सम्बोधन
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हे
नामन्
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हे
नामनी
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हे
नामानि
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1. संज्ञा की परिभाषा, भेद व उदाहरण
2. हिन्दी वर्णमाला व उच्चारण स्थान
3. संस्कृत वर्णमाला व उच्चारण स्थान
4. माहेश्वर सूत्राणि
5. विराम चिह्न- अर्थ उदाहरण सहित
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