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सर्वनाम- सर्वनाम के भेद, परिभाषा व उदाहरण- Sarvanam ki paribhasha, bhed, udaharan । Hindi Sarvanam । हिन्दी सर्वनाम ।

सर्वनाम- परिभाषा, भेद व उदाहरण


Sarvanam-in-hindi सर्वनाम हिन्दी
Hindi Sarvanam

 विषय को प्रारम्भ करने से पूर्व आप नीचे लिखे वाक्यों को ध्यान से पढ़ें-

           रमेश कक्षा दसवीं का छात्र है । वह प्रत्येक दिन विद्यालय जाता है । वह विद्यालय में बड़ी ही लगन के साथ पढ़ाई करता है । उसने पिछली कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया था । उसके पिताजी ने उसे प्रथम स्थान प्राप्त करने पर साईकल दी थी ।


            यदि हम इन वाक्यों को बारीकी से देखें तो पूरे वाक्यों में रमेश के बारे में बात हो रही है, परन्तु रमेश शब्द का प्रयोग केवल एक बार ही हुआ है । हमने वाक्य का प्रारंभ- “रमेश कक्षा दसवीं का छात्र है” से किया । उसके बाद हमने रमेश शब्द न लिखकर उसकी जगह- “वह, उसने, उसके, उसे” आदि शब्दों का प्रयोग किया है । इसका सामान्य सा मतलब यह है कि रमेश शब्द तो संज्ञा है और रमेश के स्थान पर जिन शब्दों का प्रयोग हुआ है, उन्हें व्याकरण की दृष्टि से सर्वनाम कहते हैं । अत: अब हम स्पष्ट रूप से समझ सकते हैं कि सर्वनाम किसे कहते हैं ?  

सर्वनाम की परिभाषा- 

     संज्ञा के स्थान पर जिन शब्दों का प्रयोग किया जाता है उन्हें सर्वनाम कहते हैं । सर्वनाम शब्द का सामान्य अर्थ है- “सबका नाम” । अर्थात् जो शब्द सबके नामों के स्थान पर प्रयोग होते हैं, उन्हें सर्वनाम कहते हैं ।

सर्वनामों का प्रयोग क्यों किया जाए ?


            नीचे लिखे दोनों उदाहरणों को ध्यानपूर्वक देखें और स्वयं निर्णय करें कि कौन सा उदाहरण भाषा की सुन्दरता की दृष्टि से सुन्दर लग रहा है-

उदाहरण संख्या 1- 
    रमेश कक्षा दसवीं का छात्र है । रमेश प्रत्येक दिन विद्यालय जाता है । रमेश विद्यालय में बड़ी ही लगन के साथ पढ़ाई करता है । रमेश ने पिछली कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया था । रमेश के पिताजी ने रमेश को प्रथम स्थान प्राप्त करने पर साईकल दी थी ।”

उदाहरण संख्या 2- 
    रमेश कक्षा दसवीं का छात्र है । वह प्रत्येक दिन विद्यालय जाता है । वह विद्यालय में बड़ी ही लगन के साथ पढ़ाई करता है । उसने पिछली कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया था । उसके पिताजी ने उसे प्रथम स्थान प्राप्त करने पर साईकल दी थी ।”

    आप सभी को और मुझे  उदाहरण संख्या 2 ही सुन्दर लगेगा, क्योंकि इसमें रमेश शब्द का बार-बार प्रयोग नहीं किया गया है बल्कि रमेश की जगह सर्वनामों का प्रयोग हुआ है ।

    सर्वनामों के प्रयोग से भाषा सहज, सुन्दर, सुविधाजनक बन जाती है और पुनरावृत शब्दों के प्रयोग से बची रहती है । संज्ञा शब्दों के बार-बार प्रयोग से भाषा का सौन्दर्य विलीन हो जाता है ।  अत: भाषा की सुन्दरता को बनाए रखने के लिए सर्वनामों का प्रयोग अत्यन्त आवश्यक है ।

सर्वनाम के भेद-   

    सर्वनाम के व्यावहारिक आधार पर छ: भेद होते हैं । जो निम्न हैं-

1. पुरुष पुरुषवाचक सर्वनाम          2. निश्चयवाचक सर्वनाम
3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम.            4. प्रश्नवाचक सर्वनाम
5. संबंधवाचक सर्वनाम                 6. निजवाचक सर्वनाम



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Sarvanam ke bhed


अब क्रम से सर्वनाम के भेदों को विस्तार से समझते हैं ।

1. पुरुषवाचक सर्वनाम-  

    किसी भी वाक्य में तीन प्रकार के लोग होते हैं- पहला जो वक्ता है अर्थात् जो बात को बोल रहा है, दूसरा जो श्रोता है, अर्थात् जो सुनने वाला है और तीसरा वह जो वक्ता और श्रोता के साथ नहीं है किन्तु उसके बारे में बात हो रही है । इन तीनों अर्थात्- “बोलने वाले,  सुनने वाले और किसी अन्य अर्थात् जिसके बारे में बात हो रही हो” के लिए जिन सर्वनामों का प्रयोग किया जाता है, उन्हें पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं ।

 पुरुषवाचक सर्वनाम के भेद-  पुरुषवाचक सर्वनाम के तीन भेद हैं-

1. उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम ।
2. मध्यम पुरुष पुरुषवाचक सर्वनाम ।
3. अन्य पुरुषवाचक या प्रथम पुरुषवाचक सर्वनाम । 


Sarvanam-in-hindi सर्वनाम हिन्दी
sarvanam purusha vachak

अब क्रम से पुरुषवाचक सर्वनाम के भेदों को समझते हैं –

1. उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम- 

    वक्ता (बोलने वाला) या लिखने वाला जिन सर्वनामों का प्रयोग अपने लिए करता है, उन्हें उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं । अर्थात् जब किन्ही दो या दो से अधिक लोगों की बातें हो रही हों, उस समय बोलने वाला जिन सर्वनामों का प्रयोग अपने लिए करता है, उन्हें उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं । उसी प्रकार किसी वाक्य को लिखते वक्त लिखने वाला जिन सर्वनामों का प्रयोग अपने लिए करता है, उन्हें उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं । जैसे- मैं, मेरा, हम, हमारा, मुझको, हमको, मैंने, हमने, मुझे आदि ।

#वाक्य प्रयोग में उदाहरण-

1. मैं विद्यालय जाता हूँ ।
2. मैं खाना खाता हूँ ।
3. हम सभी खेल खेलते हैं ।

2. मध्यम पुरुषवाचक  सर्वनाम- 

    वक्ता (बोलने वाला) या लेखक जिन सर्वनामों का प्रयोग सुनने वाले अथवा पढ़ने वाले के लिए करता है, उन्हें मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं । जैसे- तू, तुम, तेरा, तुम्हारा, तुझको, तुझे, तुम्हें, आपको, आपने, आदि ।

 # वाक्य प्रयोग में उदाहरण- 

1. तुम अपना काम करो ।
2. तुम  सभी घर जाओ ।
3. तुम्हारा घर कहां है ।

3. अन्य पुरुषवाचक या प्रथम पुरुषवाचक सर्वनाम- 

     वक्ता या लेखक जिन सर्वनामों का प्रयोग न तो अपने लिए करता है और न ही सुनने वाले या पढ़ने वालों  के लिए करता है अर्थात् किसी अन्य के लिए करता है,  उसे अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं । जैसे-  वह,  वे, उसे, उन्हें, उसका आदि ।

 # वाक्य प्रयोग में उदाहरण- 

1. वह बहुत दुष्ट व्यक्ति है ।
2. वे सभी इस समय क्या कर रहे हैं ?
3. उन्हे काम के बारे में समझा देना ।
4. उसका भाई रमेश है ।

2. निश्चयवाचक सर्वनाम-  

    जिन सर्वनामों से किसी निश्चित वस्तु का बोध (पता चलना) होता है, उन्हें निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं, इस सर्वनाम में हम किसी वस्तु से परिचय कराते हैं । जैसे- यह, वह, ये, वे आदि ।


# वाक्य प्रयोग में उदाहरण-

1. सामने जो विद्यालय है, वह मेरा विद्यालय है ।
2. इस निबन्ध को पढो़, यह कितना उपयोगी है ।
 3. वह बहुत ही उपयोगी साधन है ।
 4. वह बहुत सुंदर फूल है ।

3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम-

    जिन सर्वनामों से किसी अनिश्चित वस्तु का बोध (पता चलना) होता है, उन्हें अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं । जैसे- कोई, किसी, कुछ आदि ।
# वाक्य प्रयोग में उदाहरण-
1. वह कुछ सामान लाया था ।
2. किसी को तुमने जाते हुए देखना है ।
3. कोई आ रहा है ।

4. प्रश्नवाचक सर्वनाम- 

    प्रश्न पूछने के लिए जिन सर्वनमों का प्रयोग किया जाता है, उन्हें प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं । जैसे- कौन, किसे, किसने, क्या, कब, कहाँ आदि ।
# वाक्य प्रयोग में उदाहरण-
1. पेड़ के ऊपर कौन बैठा है ?
2. फल किससे मंगवाऊं ?
3. शौर कौन कर रहा है ?
4. किस-किस का नाम रिजल्ट की सूची में आया है ?
5. तुम कहाँ रहते हो ?

5. संम्बन्धवाचक सर्वनाम- 

    जिन सर्वनामों से दो भिन्न बातों का संबंध प्रकट होता है, अथवा जो प्रधान वाक्यों के आश्रित वाक्यों का संबंध जोड़ते हैं, उन्हें सम्बधवाचक सर्वनाम कहते हैं । जैसे- जो-सो, वह-जो, जिसे-वही, जिसको-उसको, जिसे-उसे, जिसकी-उसकी, जिसने-उसने आदि । संबंधवाचक सर्वनामों का प्रयोग युग्म में (जोड़े में) होता है । 


# वाक्य प्रयोग में उदाहरण-

1. मनुष्य जैसा कर्म करेगा वैसा फल भरेगा ।
2. मोबाइल के जमाने में जिसे देखो, वही व्यस्त है ।
3. जिससे तुमने कार खरीदी है, मैं उसकी बात कर रहा हूँ ।
4. जिसकी लाठी उसकी भैंस ।
5. जो कहा गया है, वही करो ।

6. निजवाचक सर्वनाम-  

    वैसे तो यह सर्वनाम पुरुषवाचक सर्वनाम का ही एक भेद है, परंतु कुछ लोग इसे अलग मानते हैं । वक्ता या लेखक स्वयं अपने लिए जिन सर्वनामों का प्रयोग करता है उन्हें निजवाचक सर्वनाम कहते हैं । जैसे- आप, अपने आप, स्वयं, खुद, स्वत:, निज आदि ।


# वाक्य प्रयोग में उदाहरण-

1. देख लीजिए, मैं अपना काम स्वयं करता हूँ ।
2. मैं अपना काम अपने आप करता हूँ ।
3.  हम खुद ही इधर आ गए ।
4. वह स्वत: समझ गया ।
5. यह मेरा निज धर्म है ।


इस प्रकार आज की पोस्ट सर्वनाम पर अधारित है । उम्मीद है यह पोस्ट आपके काम अवश्य आएगी ।
धन्यवाद ।


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