संस्कृत में वाक्य के लिए एक शब्द । संस्कृते वाक्यांशानां कृते एकशब्दः । One Word Substitution in Sanskrit
संस्कृत वाक्य |
एक शब्द |
य: अन्त:करणस्य वार्तां जानाति स: |
अन्तर्यामी |
यत् पूर्वं कदापि न अभूत् तद् |
अभूतपूर्वम् |
यत् पातुं न शक्यते तद् |
अपेयम् |
यं खण्डयितुं न शक्यते स: |
अखण्ड: |
यं द्रष्टुं न शक्यते स: |
अदृश्य: |
य: कदापि न म्रियते स: |
अमर्त्य: |
यं जेतुं न शक्यते स: |
अजेय: |
यस्मिन् आक्रमणं कर्तुं न शक्यते स: |
अनाक्रान्त: |
यस्य शत्रु: न जायते स: |
अजातशत्रु: |
यस्य समीपे किञ्चिदपि नास्ति स: |
अकिञ्चन: |
य: किमपि न जानाति स: |
अज्ञ: |
यत् न शक्यते तद् |
अशक्यम् |
य: अभिनयं करोति स: |
अभिनेता |
य: स्वल्पं भाषते स: |
अल्पभाषी |
य: अल्पं जानाति स: |
अल्पज्ञ: |
यस्य अन्तं नास्ति स: |
अनन्त: |
यस्य कोऽपि नाथ: नास्ति स: |
अनाथ: |
यत् सदृशं कोऽपि द्वितीय: (अन्य:) नास्ति स: |
अद्वितीय: |
यस्य सीमा नास्ति स: |
असीम: |
यत् दातुं न शक्यते तद् |
अदेयम् |
य: व्यर्थं व्ययं करोति स: |
अपव्ययी |
यस्य उपमा नास्ति स: |
अनुपम: |
य: आहूत: नास्ति स: |
अनाहूत: |
य: अनुगमनं करोति स: |
अनुगामी |
रूपस्य योग्यम् |
अनुरूपम् |
य: विचार्य कार्यं न करोति स: |
अविवेकी |
य: अकस्मात् इतस्तत: अटित्वा आगच्छति स: |
आगन्तुक: |
अक्षै: दीव्यति |
आक्षिक: |
य: ईश्वरं मन्यते स: |
आस्तिक: |
य: आदरयोग्य: अस्ति स: |
आदरणीय: |
य: आलोचनां करोति स: |
आलोचक: |
आदित: अन्तपर्यन्तम् |
आद्योपान्तम् |
य: आकाशमार्गेण गमनं करोति स: |
आकाशगामी |
मरणपर्यन्तम् |
आमरणम् |
या आकाशात् श्रूयते सा वाणी |
आकाशवाणी |
यस्य बाहू जानुपर्यन्तं स: |
आजानुबाहु: |
उष्ट्राणां समूह: |
औष्ट्रकम् |
अष्टानां समूह |
अष्टकम् |
य: इतिहासं जानाति स: |
इतिहासज्ञ: |
य: स्वेच्छया कार्यं करोति स: |
इच्छाचारी |
य: ऋणम् अर्पितवान् स: |
उऋण: |
य: ऊर्ध्वं गच्छति स: |
ऊर्ध्वगामी |
य: कार्यं करोति स: |
कार्यकर्ता |
य: कृतम् उपकारं मन्यते स: |
कृतज्ञ: |
य: कृतम् उपकारं विस्मरति स: |
कृतघ्न: |
य: काव्यं रचयति स: |
कवि: |
य: ग्रामे वसति स: |
ग्रामीण: |
य: चक्रं धरति स: |
चक्रधारी, चक्रधर: |
कर्तुम् इच्छा |
चिकीर्षा |
यस्य शेखरे (शिरसि) चन्द्र: विराजते स: |
चन्द्रशेखर: |
यत्र छात्रा: निवसन्ति स: |
छात्रावास: |
य: लघु लघु दोषान् अपि अन्विषति स: |
छिद्रान्वेषी |
जीवितुम् इच्छा |
जिजीविषा |
ज्ञातुम् इच्छा |
जिज्ञासा |
जेतुम् इच्छा |
जिगीषा |
य: इन्द्रियाणि जितवान् स: |
जितेन्द्रिय: |
य: जले जायते स: |
जलज: |
य: जले चरति स: |
जलचर: |
ज्ञातव्यम् / योग्यम् |
ज्ञातुं योग्यम् |
य: टीकां करोति स: |
टीकाकार: |
य: त्रीन् अपि कालान् जानाति स: |
त्रिकालज्ञ: |
य: गूढतत्त्वानि जानाति स: |
तत्त्वज्ञ: |
य: दूरपर्यन्तं पश्यति स: |
दूरदर्शी |
य: पुन: जायते स: |
द्विज: |
यत् काठिन्येन प्राप्यते तद् |
दुर्लभम् |
य: द्वारं रक्षति स: |
द्वारपाल: |
यस्य दश आननानि स: |
दशानन: |
य: भाषाद्वयं भाषते स: |
द्विभाषी |
य: धनं ददाति स: |
धनद: |
य: धनु: धरति स: |
धनुर्धर: |
यस्य धर्मे निष्ठा स: |
धर्मनिष्ठ: |
य: ईश्वरं वेदं च न मन्यते स: |
नास्तिक: |
नगरे भव: इति |
नागरिक: |
य: कामनारहित: स: |
निष्काम: |
यस्य मनसि दया नास्ति स: |
निर्दयी |
य: भयं न करोति स: |
निर्भय: |
यस्य आश्रय: नास्ति स: |
निराश्रय: |
यस्य अक्षरज्ञानम् अपि नास्ति स: |
निरक्षर: |
यस्य बलं नास्ति स: |
निर्बल: |
य: रोगमुक्त: स: |
नीरोग: |
य: दर्शने प्रिय: स: |
प्रियदर्शी |
य: विदेशे वसति स: |
प्रवासी |
य: पुत्रस्य पुत्र: स: |
पौत्र: |
या पुत्रस्य पुत्री सा |
पौत्री |
य: परेषाम् उपकारं करोति स: |
परोपकारी |
य: परान् उपदिशति स: |
परोपदेशक: |
य: पितु: पिता स: |
पितामह: |
य: पाकं करोति स: |
पाचक: |
य: प्रियं वदति स: |
प्रियंवद:, प्रियवादी |
या परपुरुषं प्रेम करोति सा |
परकीया |
या पतिपरायणा स्त्री सा |
पतिव्रता |
या पर्वतस्य पुत्री सा |
पार्वती |
य: देशविदेशान् अटति स: |
पर्यटक: |
य: केवलं फलं खादति स: |
फलाहारी |
य: बहु जानाति स: |
बहुज्ञ: |
खादितुम् इच्छा |
बुभुक्षा |
य: बहुभाषा: जानाति स: |
बहुभाषाविद् |
य: भारते वसति स: |
भारतीय: |
या क्रोधं करोति सा स्त्री |
भामिनी |
य: भाग्ये विश्वसिति स: |
भाग्यवादी |
य: भूगर्भविज्ञानं जानाति स: |
भूगर्भवेत्ता |
मरणस्य इच्छा |
मुमूर्षा |
मोक्षस्य इच्छा |
मुमुक्षा |
य: मिथ्यां वदति स: |
मिथ्यावादी |
य: मृत्युं जितवान् स: |
मृत्युञ्जय: |
योद्धुम् इच्छा |
युयुत्सा |
य: युगं निर्माति स: |
युगनिर्माता |
य: युद्धे स्थिर: स: |
युधिष्ठिर: |
य: वस्तु याचते स: |
याचक: |
यत्र राजा निवसति स: |
राजप्रासाद: |
य: रक्षां करोति स: |
रक्षक: |
लोके भव: इति |
लौकिक: |
य: विशेषं जानाति स: |
विशेषज्ञ: |
यस्य पत्नी मृता स: |
विधुर: |
य: वरं ददाति स: |
वरदाता |
य: विरोधं करोति स: |
विरोधी |
य: व्याकरणं जानाति स: |
वैयाकरण: |
य: विज्ञानं जानाति स: |
वैज्ञानिक: |
यस्य विवाह: जात: स: |
विवाहित: |
य: अधिकं वदति स: |
वाचाल: |
य: शास्त्रं जानाति स: |
शास्त्रज्ञ: |
य: शत्रून् घ्नन्ति स: |
शत्रुघ्न: |
य: सर्वत्र व्याप्तं स: |
सर्वव्यापी |
य: सर्वान् समानं पश्यति स: |
समदर्शी |
य: सर्वं जानाति स: |
सर्वज्ञ: |
य: सत्यं वदति स: |
सत्यवादी |
य: सर्वेषां प्रिय: अस्ति स: |
सर्वप्रिय: |
य: स्वेच्छया परेषां सेवां करोति स: |
स्वयंसेवक: |
य: स्वयं पाकं कृत्वा खादति स: |
स्वयंपाकी |
य: क्षन्तुं योग्य: स: |
क्षम्य: |
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