धातुरूप परिचय
धातु-
क्रिया के मूल अंश को धातु कहते हैं । जैसे पठति क्रिया का मूल अंश ‘पठ्’ है, ‘पठ्’ मूल धातु है । इसी प्रकार लिख्, गम्, खाद्, हस्, खेल्, क्रीड् आदि धातुएँ हैं । संस्कृत में लगभग दो हजार धातुएँ हैं ।
क्रिया-
जिन शब्दों से किसी कार्य का करना या होना अथवा
किसी घटना के घटित होने का ज्ञान होता है, उन्हें क्रिया कहते हैं । जैसे- पठति, गच्छति,
खादति आदि ।
धातुरूप-
मूल
धातुओं के साथ जब ‘तिप्’ प्रत्यय जुड़ते हैं, तब धातुरूप बनते हैं । धातुएँ तीन प्रकार
की होती हैं-
1. परस्मैपदी धातुएँ
2.
3. उभयपदी धातुएँ
1. परस्मैपदी धातुएँ -
जिन धातुओं के साथ ‘तिप्, तस्, झि’ आदि प्रत्यय जुड़ते हैं, उन्हे परस्मैपदी धातु कहते हैं । परस्मैपदी धातुओं के साथ जुड़ने वाले प्रत्यय-
|
एकवचन |
द्विवचन |
बहुवचन |
प्रथम
पुरुष |
तिप् |
तस् |
झि |
मध्यम
पुरुष |
सिप् |
थस् |
थ |
उत्तम
पुरुष |
मिप् |
वस् |
मस् |
2. आत्मनेपदी धातुएँ -
जिन धातुओं के साथ ‘त, आताम्, झ’ आदि प्रत्यय जुड़ते हैं, उन्हे आत्मनेपदी धातु कहते हैं । आत्मनेपदी धातुओं के साथ जुड़ने वाले प्रत्यय-
|
एकवचन |
द्विवचन |
बहुवचन |
प्रथम
पुरुष |
त |
आताम् |
झ |
मध्यम
पुरुष |
थास् |
आथाम् |
ध्वम् |
उत्तम
पुरुष |
इट् |
वहि |
महिङ् |
3. उभयपदी धातुएँ-
जिन
धातुओं में आत्मनेपदी व परस्मैपदी इन दोनों के प्रत्यय जुड़ते हैं, उन्हे उभयपदी धातुएँ
कहते हैं । उभयपदी धातुओं के साथ उपर्युक्त दोनों प्रकार के प्रत्यय जुड़ते हैं ।
धातुओं के गण-
धातुओं
के कुल 10 गण हैं । प्रत्येक गण का नाम उस गण की पहली धातु के नाम से पड़ा है । जैसे
भ्वादि गण की पहली धातु भू है, अदादि गण की पहली धातु अद् है । इसी प्रकार अन्य गणों
के नाम भी हैं । दश गण निम्न है-
भ्वाद्यदादि जुहोत्यादिदिवादि: स्वादिरेव च ।
तुदादिश्च रुधादिश्च तनक्र्यादिचुरादय: ॥
1. भ्वादि गण
2. अदादि गण
3.जुहोत्यादि गण
4. दिवादि गण
5. स्वादि गण
6. तुदादि गण
7. रुधादि गण
8. तनादि गण
9. क्र्यादि गण
10. चुरादि गण
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Dhaatuon ke das gan |
लकार-
संस्कृत
भाषा में प्रत्येक धातु के दश लकार होते हैं । जो निम्न हैं-
लट् वर्तमाने लेट् वेदे भूते लुङ् लङ् लिटस्तस्था
।
विध्याशिषोस्तु लिङ् लोटौ लुट् लृट् लृङ् च भविष्यति
॥
1. लट् लकार
2. लिट् लकार
3. लुट् लकार
4. लृट् लकार
5. लेट् लकार
6.
लोट् लकार
7. लङ् लकार
8. लिङ् लकार
9. लुङ् लकार
10. लृङ् लकार
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dhatuon ke das lakaar |
प्रत्येक लकार का प्रारम्भ ‘ल’ अक्षर से होता है,
अत: इन्हे लकार संज्ञा दी गई है । लिङ् लकार के दो भेद होते हैं- 1. विधिलिङ् लकार 2. आशीर्लिङ् लकार । लेट् लकार क प्रयोग केवल वेदों
में पाया जाता है ।
काल के अनुसार लकारों का विभाजन-
वर्तमान काल-
लट् लकार-
लट्
लकार का प्रयोग वर्तमान काल के लिए होता है । जैसे बालक: पुस्तकं पठति (बालक पुस्तक
पढता है) ।
भूतकाल
भू्तकाल
के लिए तीन लकारों का प्रयोग होता है- लङ् लकार, लुङ् लकार, लिट् लकार । क्रम से तीनों
को समझते हैं-
(क) लङ् लकार-
लङ्
लकार का प्रयोग अनद्यतन भूत के लिए किया जाता है, अनद्यतन अर्थात् जो घटना आज की न
हो । जैसे मोहन: ह्य: विद्यालयं अगच्छत् (मोहन कल विद्यालय गया) ।
(ख) लुङ् लकार-
लुङ्
लकार को सामान्य भूतकाल या आसन्न भूतकाल भी कहते हैं । आसन्न का अर्थ है जो क्रिया
आज ही हुई हो, परन्तु वह वर्तमान में न होकर भूतकाल में हो । जैसे- मोहन: प्रात:काले
विद्यालयम् अगमत् (मोहन सुबह विद्यालय गया) ।
(ग) लिट् लकार-
लिट्
लकार को परोक्ष भूतकाल कहते हैं । परोक्ष का अर्थ है जो हमारे सामने न हुआ हो, अर्थात्
जो घटना हमारी इन्द्रियों के सामने न हुई हो, बहुत प्रचीन घटना हो उसमें लिट् लकार
होता है । जैसे- राम: राजा बभूव (राम राजा हुए) ।
भविष्यत् काल-
भविष्यत्
काल के लिए तीन लकारों का प्रयोग होता है- लृट् लकार, लुट् लकार, लृङ् लकार । क्रम
से तीनों को समझते हैं-
(क) लृट् लकार-
लृट्
लकार को सामान्य भविष्यत् भी कहते हैं । नजदीकी भविष्यत् के लिए लृट् लकार का प्रयोग
होता है । जैसे- अहं सायं काले नगरं गमिष्यामि (मैं शाम को शहर जाऊँगा) ।
(ख) लुट् लकार-
लुट्
लकार को अनद्यतन भविष्यत् काल भी कहते हैं, अर्थात् जो घटना आज न होकर कल या उससे आगे
होगी । जैसे- लता परश्व: विद्यालयं गन्ता ( लता परसों विद्यालय जाएगी) ।
(ग) लृङ् लकार-
क्रियातिपत्ति
के लिए लृङ् लकार का प्रयोग होता है । क्रियातिपत्ति का अर्थ है क्रिया का पूरा न होना,
अर्थात् ‘यदि ऐसा होता तो ऐसा होता’ इस प्रकार के भविष्यत् काल के अर्थ के लिए लृङ्
लकार का प्रयोग होता है । जैसे- सुवृष्टि: चेत् अभविष्यत् सुभिक्षम् अभविष्यत् ( यदि
अच्छी वर्षा होती तो अच्छा अन्न होता) ।
अन्य तीन लकार विभिन्न अर्थों में प्रयोग होते हैं-
(I) लोट् लकार-
लोट्
लकार का प्रयोग अनुमति, निमन्त्रण, आमन्त्रण, अनुरोध, जिज्ञासा, और सामर्थ्य इन अर्थों
में होता है । जैसे- भवान् तत्र गच्छ (आप वहाँ जाओ) ।
(II) विधिलिङ् लकार-
विधिलिङ्
लकार का प्रयोग निमन्त्रण, आमन्त्रण, अनुरोध, जिज्ञासा, और सामर्थ्य इन अर्थों में
होता है । जैसे ( ब्रह्मचारी मधु, मांसं च वर्जयेत् ( ब्रह्मचारी को मधु व मांस नहीं
खाना चाहिए) ।
(III) आशीर्लिङ् लकार-
आशीर्लिङ्
लकार का प्रयोग आशीर्वाद के अर्थ में होता है । जैसे- राजा सुचिरम् जीव्यात् ( राजा
दीर्घ काल तक जिए) ।
पुरुष-
प्रत्येक
लकार के तीन पुरुष होते हैं- 1. प्रथम पुरुष 2. मध्यम पुरुष 3. उत्तम पुरुष ।
परस्मैपदी धातुओं के अन्त में जुड़ने वाले प्रत्यय के रूप-
लकार- लट् लकार |
|||
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथम
पुरुष: |
ति: |
त: |
अन्ति |
मध्यम
पुरुष: |
सि |
थ: |
थ |
उत्तम
पुरुष: |
मि |
व: |
म: |
लकार- लिट् लकार |
|||
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथम
पुरुष: |
अ |
अतु: |
उ: |
मध्यम
पुरुष: |
इथ |
अथु: |
अ |
उत्तम
पुरुष: |
अ |
इव |
इम |
लकार- लुट् लकार |
|||
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथम
पुरुष: |
ता |
तारौ |
तार: |
मध्यम
पुरुष: |
तासि |
तास्थ: |
तास्थ |
उत्तम
पुरुष: |
तास्मि
|
तास्व: |
तास्म: |
लकार- लृट् लकार |
|||
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथम
पुरुष: |
स्यति |
स्यत: |
स्यन्ति |
मध्यम
पुरुष: |
स्यसि |
स्यथ: |
स्यथ |
उत्तम
पुरुष: |
स्यामि |
स्याव: |
स्याम: |
लकार- लोट् लकार |
|||
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथम
पुरुष: |
तु |
ताम् |
अन्तु |
मध्यम
पुरुष: |
-/हि |
तम् |
त |
उत्तम
पुरुष: |
आनि |
आव |
आम |
लकार- लङ् लकार |
|||
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथम
पुरुष: |
त् |
ताम् |
अन् |
मध्यम
पुरुष: |
: |
तम् |
त |
उत्तम
पुरुष: |
अम् |
व |
म |
लकार- विधिलिङ् |
|||
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथम
पुरुष: |
एत् |
एताम् |
एयु: |
मध्यम
पुरुष: |
ए: |
एतम् |
एत् |
उत्तम
पुरुष: |
एयम् |
एव |
एम् |
लकार- आशीर्लिङ् |
|||
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथम
पुरुष: |
यात् |
यास्ताम् |
यासु: |
मध्यम
पुरुष: |
या: |
यास्तम् |
यास्त |
उत्तम
पुरुष: |
यासम् |
यास्व |
यस्म |
लकार- लुङ् लकार |
|||
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथम
पुरुष: |
त् |
ताम् |
उ: |
मध्यम
पुरुष: |
: |
तम् |
त |
उत्तम
पुरुष: |
अम् |
व |
म |
लकार- लृङ् लकार |
|||
|
एकवचन |
द्विवचन |
बहुवचन |
प्रथम
पुरुष: |
स्यत् |
स्यताम् |
स्यन् |
मध्यम
पुरुष: |
स्य: |
स्यतम् |
स्यत |
उत्तम
पुरुष: |
स्यम् |
स्याव |
स्याम |
आत्मनेपदी धातुओं के अन्त में जुड़ने वाले प्रत्यय के रूप-
लकार- लट् लकार |
|||
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथम
पुरुष: |
अते |
एते |
अन्ते |
मध्यम
पुरुष: |
असे |
एथे |
अध्वे |
उत्तम
पुरुष: |
ए |
आवहे |
आमहे |
लकार- लिट् लकार |
|||
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथम
पुरुष: |
ए |
आते |
इरे |
मध्यम
पुरुष: |
इसे |
आथे |
इध्वे |
उत्तम
पुरुष: |
ए |
इवहे |
इमहे |
लकार-
लुट् लकार |
|||
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथम
पुरुष: |
ता |
तारौ |
तार: |
मध्यम
पुरुष: |
तासे
|
तासाथे |
ताध्वे |
उत्तम
पुरुष: |
ताहे |
तास्वहे |
तास्महे |
लकार- लृट् लकार |
|||
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथम
पुरुष: |
स्यते |
स्येते |
स्यन्ते |
मध्यम
पुरुष: |
स्यसे
|
स्येथे |
स्यध्वे |
उत्तम
पुरुष: |
स्ये |
स्यावहे |
स्यामहे |
लकार- लोट् लकार |
|||
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथम
पुरुष: |
ताम् |
एताम् |
अन्ताम् |
मध्यम
पुरुष: |
स्व |
एथाम् |
ध्वम् |
उत्तम
पुरुष: |
ऐ
|
आवहे |
आमहे |
लकार- लङ् लकार |
|||
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथम
पुरुष: |
त |
एताम् |
अन्त |
मध्यम
पुरुष: |
था: |
एथाम् |
ध्वम् |
उत्तम
पुरुष: |
ए |
आवहि |
आमहि |
लकार- विधिलिङ् |
|||
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथम
पुरुष: |
एत् |
एयाताम् |
एरन् |
मध्यम
पुरुष: |
एथा: |
एयाथाम् |
एध्वम् |
उत्तम
पुरुष: |
एय |
एवहि |
एमहि |
लकार- आशीर्लिङ् |
|||
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथम
पुरुष: |
सीष्ट |
सीयास्ताम् |
सीरन् |
मध्यम
पुरुष: |
सीष्ठा: |
सीयास्थाम् |
सीध्वम् |
उत्तम
पुरुष: |
सीय |
सीवहि |
सीमहि |
लकार- लुङ् लकार |
|||
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथम
पुरुष: |
अत |
एताम् |
अन्त |
मध्यम
पुरुष: |
अथा: |
एथाम् |
अध्वम् |
उत्तम
पुरुष: |
ए |
आवहि |
आमहि |
लकार- लृङ् लकार |
|||
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथम
पुरुष |
स्यत् |
स्येताम् |
स्यन्त |
मध्यम
पुरुष |
स्यथा: |
स्येथाम् |
स्यध्वम् |
उत्तम
पुरुष |
स्ये |
स्यावहि |
स्यामहि |
अब कुछ प्रमुख धातुरूपों को जानते हैं-
परस्मैपदी धातुओं के धातुरूप
1. भू धातु (होना) लट् लकार-
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
भवति |
भवतः |
भवन्ति |
मध्यमपुरुषः |
भवसि |
भवथः |
भवथ |
उत्तमपुरुषः |
भवामि |
भवावः |
भवामः |
लिट् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
बभूव |
बभूवतुः |
बभूवुः |
मध्यमपुरुषः |
बभूविथ |
बभूवथुः |
बभूव |
उत्तमपुरुषः |
बभूव |
बभूविव |
बभूविम |
लुट् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
भविता |
भवितारौ |
भवितारः |
मध्यमपुरुषः |
भवितासि |
भवितास्थः |
भवितास्थ |
उत्तमपुरुषः |
भवितास्मि |
भवितास्वः |
भवितास्मः |
लृट् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
भविष्यति |
भविष्यतः |
भविष्यन्ति |
मध्यमपुरुषः |
भविष्यसि |
भविष्यथः |
भविष्यथ |
उत्तमपुरुषः |
भविष्यामि |
भविष्यावः |
भविष्यामः |
लोट् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
भवतु |
भवताम् |
भवन्तु |
मध्यमपुरुषः |
भव |
भवतम् |
भवत |
उत्तमपुरुषः |
भवानि |
भवाव |
भवाम |
लङ् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
अभवत् |
अभवताम् |
अभवन् |
मध्यमपुरुषः |
अभवः |
अभवतम् |
अभवत |
उत्तमपुरुषः |
अभवम् |
अभवाव |
अभवाम |
विधिलिङ् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
भवेत् |
भवेताम् |
भवेयुः |
मध्यमपुरुषः |
भवेः |
भवेतम् |
भवेत |
उत्तमपुरुषः |
भवेयम् |
भवेव |
भवेम |
आशीर्लिङ् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
भूयात् |
भूयास्ताम् |
भूयासुः |
मध्यमपुरुषः |
भूयाः |
भूयास्तम् |
भूयास्त |
उत्तमपुरुषः |
भूयासम् |
भूयास्व |
भूयास्म |
लुङ् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
अभूत् |
अभूताम् |
अभूवन् |
मध्यमपुरुषः |
अभूः |
अभूतम् |
अभूत |
उत्तमपुरुषः |
अभूवम् |
अभूव |
अभूम |
लृङ् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
अभविष्यत् |
अभविष्यताम् |
अभविष्यन् |
मध्यमपुरुषः |
अभविष्यः |
अभविष्यतम् |
अभविष्यत |
उत्तमपुरुषः |
अभविष्यम् |
अभविष्याव |
अभविष्याम |
2. गम् धातु ( जाना) लट् लकार-
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
गच्छति |
गच्छतः |
गच्छन्ति |
मध्यमपुरुषः |
गच्छसि |
गच्छथः |
गच्छथ |
उत्तमपुरुषः |
गच्छामि |
गच्छावः |
गच्छामः |
लिट् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
जगाम |
जग्मतुः |
जग्मुः |
मध्यमपुरुषः |
जगमिथ |
जग्मथुः |
जगम |
उत्तमपुरुषः |
जगम |
जग्मिव |
जग्मिम |
लुट् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
गन्ता |
गन्तारौ |
गन्तारः |
मध्यमपुरुषः |
गन्तासि |
गन्तास्थः |
गन्तास्थ |
उत्तमपुरुषः |
गन्तास्मि |
गन्तास्वः |
गन्तास्मः |
लृट् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
गमिष्यति |
गमिष्यतः |
गमिष्यन्ति |
मध्यमपुरुषः |
गमिष्यसि |
गमिष्यथः |
गमिष्यथ |
उत्तमपुरुषः |
गमिष्यामि |
गमिष्यावः |
गमिष्यामः |
लोट् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
गच्छतु |
गच्छताम् |
गच्छन्तु |
मध्यमपुरुषः |
गच्छ |
गच्छतम् |
गच्छत |
उत्तमपुरुषः |
गच्छानि |
गच्छाव |
गच्छाम |
लङ् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
अगच्छत् |
अगच्छताम् |
अगच्छन् |
मध्यमपुरुषः |
अगच्छः |
अगच्छतम् |
अगच्छत |
उत्तमपुरुषः |
अगच्छम् |
अगच्छाव |
अगच्छाम |
विधिलिङ् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
गच्छेत् |
गच्छेताम् |
गच्छेयुः |
मध्यमपुरुषः |
गच्छेः |
गच्छेतम् |
गच्छेत |
उत्तमपुरुषः |
गच्छेयम् |
गच्छेव |
गच्छेम |
आशीर्लिङ् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
गम्यात् |
गम्यास्ताम् |
गम्यासुः |
मध्यमपुरुषः |
गम्याः |
गम्यास्तम् |
गम्यास्त |
उत्तमपुरुषः |
गम्यासम् |
गम्यास्व |
गम्यास्म |
लुङ् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
अगमत् |
अगमताम् |
अगमन् |
मध्यमपुरुषः |
अगमः |
अगमतम् |
अगमत |
उत्तमपुरुषः |
अगमम् |
अगमाव |
अगमाम |
लृङ् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
अगमिष्यत् |
अगमिष्यताम् |
अगमिष्यन् |
मध्यमपुरुषः |
अगमिष्यः |
अगमिष्यतम् |
अगमिष्यत |
उत्तमपुरुषः |
अगमिष्यम् |
अगमिष्याव |
अगमिष्याम |
3. लिख् धातु ( लिखना) लट् लकार-
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
लिखति |
लिखतः |
लिखन्ति |
मध्यमपुरुषः |
लिखसि |
लिखथः |
लिखथ |
उत्तमपुरुषः |
लिखामि |
लिखावः |
लिखामः |
लिट् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
लिलेख |
लिलिखतुः |
लिलिखुः |
मध्यमपुरुषः |
लिलेखिथ |
लिलिखथुः |
लिलिख |
उत्तमपुरुषः |
लिलेख |
लिलिखिव |
लिलिखिम |
लुट् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
लेखिता |
लेखितारौ |
लेखितारः |
मध्यमपुरुषः |
लेखितासि |
लेखितास्थः |
लेखितास्थ |
उत्तमपुरुषः |
लेखितास्मि |
लेखितास्वः |
लेखितास्मः |
लृट् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
लेखिष्यति |
लेखिष्यतः |
लेखिष्यन्ति |
मध्यमपुरुषः |
लेखिष्यसि |
लेखिष्यथः |
लेखिष्यथ |
उत्तमपुरुषः |
लेखिष्यामि |
लेखिष्यावः |
लेखिष्यामः |
लोट् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
लिखतात् |
लिखताम् |
लिखन्तु |
मध्यमपुरुषः |
लिख |
लिखतम् |
लिखत |
उत्तमपुरुषः |
लिखानि |
लिखाव |
लिखाम |
लङ् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
अलिखत् |
अलिखताम् |
अलिखन् |
मध्यमपुरुषः |
अलिखः |
अलिखतम् |
अलिखत |
उत्तमपुरुषः |
अलिखम् |
अलिखाव |
अलिखाम |
विधिलिङ् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
लिखेत् |
लिखेताम् |
लिखेयुः |
मध्यमपुरुषः |
लिखेः |
लिखेतम् |
लिखेत |
उत्तमपुरुषः |
लिखेयम् |
लिखेव |
लिखेम |
आशीर्लिङ् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
लिख्यात् |
लिख्यास्ताम् |
लिख्यासुः |
मध्यमपुरुषः |
लिख्याः |
लिख्यास्तम् |
लिख्यास्त |
उत्तमपुरुषः |
लिख्यासम् |
लिख्यास्व |
लिख्यास्म |
लुङ् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
अलेखीत् |
अलेखिष्टाम् |
अलेखिषुः |
मध्यमपुरुषः |
अलेखीः |
अलेखिष्टम् |
अलेखिष्ट |
उत्तमपुरुषः |
अलेखिषम् |
अलेखिष्व |
अलेखिष्म |
लृङ् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
अलेखिष्यत् |
अलेखिष्यताम् |
अलेखिष्यन् |
मध्यमपुरुषः |
अलेखिष्यः |
अलेखिष्यतम् |
अलेखिष्यत |
उत्तमपुरुषः |
अलेखिष्यम् |
अलेखिष्याव |
अलेखिष्याम |
4. खाद् धातु (खाना) लट् लकार-
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
खादति |
खादतः |
खादन्ति |
मध्यमपुरुषः |
खादसि |
खादथः |
खादथ |
उत्तमपुरुषः |
खादामि |
खादावः |
खादामः |
लिट् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
चखाद |
चखादतुः |
चखादुः |
मध्यमपुरुषः |
चखादिथ |
चखादथुः |
चखाद |
उत्तमपुरुषः |
चखाद |
चखादिव |
चखादिम |
लुट् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
खादिता |
खादितारौ |
खादितारः |
मध्यमपुरुषः |
खादितासि |
खादितास्थः |
खादितास्थ |
उत्तमपुरुषः |
खादितास्मि |
खादितास्वः |
खादितास्मः |
लृट् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
खादिष्यति |
खादिष्यतः |
खादिष्यन्ति |
मध्यमपुरुषः |
खादिष्यसि |
खादिष्यथः |
खादिष्यथ |
उत्तमपुरुषः |
खादिष्यामि |
खादिष्यावः |
खादिष्यामः |
लोट् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
खादतु |
खादताम् |
खादन्तु |
मध्यमपुरुषः |
खाद |
खादतम् |
खादत |
उत्तमपुरुषः |
खादानि |
खादाव |
खादाम |
लङ् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
अखादत् |
अखादताम् |
अखादन् |
मध्यमपुरुषः |
अखादः |
अखादतम् |
अखादत |
उत्तमपुरुषः |
अखादम् |
अखादाव |
अखादाम |
विधिलिङ् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
खादेत् |
खादेताम् |
खादेयुः |
मध्यमपुरुषः |
खादेः |
खादेतम् |
खादेत |
उत्तमपुरुषः |
खादेयम् |
खादेव |
खादेम |
आशीर्लिङ् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
खाद्यात् |
खाद्यास्ताम् |
खाद्यासुः |
मध्यमपुरुषः |
खाद्याः |
खाद्यास्तम् |
खाद्यास्त |
उत्तमपुरुषः |
खाद्यासम् |
खाद्यास्व |
खाद्यास्म |
लुङ् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
अखादीत् |
अखादिष्टाम् |
अखादिषुः |
मध्यमपुरुषः |
अखादीः |
अखादिष्टम् |
अखादिष्ट |
उत्तमपुरुषः |
अखादिषम् |
अखादिष्व |
अखादिष्म |
लृङ् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
अखादिष्यत् |
अखादिष्यताम् |
अखादिष्यन् |
मध्यमपुरुषः |
अखादिष्यः |
अखादिष्यतम् |
अखादिष्यत |
उत्तमपुरुषः |
अखादिष्यम् |
अखादिष्याव |
अखादिष्याम |
5. हस् धातु (हँसना) लट् लकार-
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
हसति |
हसतः |
हसन्ति |
मध्यमपुरुषः |
हससि |
हसथः |
हसथ |
उत्तमपुरुषः |
हसामि |
हसावः |
हसामः |
लिट् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
जहास |
जहसतुः |
जहसुः |
मध्यमपुरुषः |
जहसिथ |
जहसथुः |
जहस |
उत्तमपुरुषः |
जहस/जहास |
जहसिव |
जहसिम |
लुट् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
हसिता |
हसितारौ |
हसितारः |
मध्यमपुरुषः |
हसितासि |
हसितास्थः |
हसितास्थ |
उत्तमपुरुषः |
हसितास्मि |
हसितास्वः |
हसितास्मः |
लृट् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
हसिष्यति |
हसिष्यतः |
हसिष्यन्ति |
मध्यमपुरुषः |
हसिष्यसि |
हसिष्यथः |
हसिष्यथ |
उत्तमपुरुषः |
हसिष्यामि |
हसिष्यावः |
हसिष्यामः |
लोट् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
हसतु |
हसताम् |
हसन्तु |
मध्यमपुरुषः |
हस |
हसतम् |
हसत |
उत्तमपुरुषः |
हसानि |
हसाव |
हसाम |
लङ् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
अहसत् |
अहसताम् |
अहसन् |
मध्यमपुरुषः |
अहसः |
अहसतम् |
अहसत |
उत्तमपुरुषः |
अहसम् |
अहसाव |
अहसाम |
विधिलिङ् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
हसेत् |
हसेताम् |
हसेयुः |
मध्यमपुरुषः |
हसेः |
हसेतम् |
हसेत |
उत्तमपुरुषः |
हसेयम् |
हसेव |
हसेम |
आशीर्लिङ् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
हस्यात् |
हस्यास्ताम् |
हस्यासुः |
मध्यमपुरुषः |
हस्याः |
हस्यास्तम् |
हस्यास्त |
उत्तमपुरुषः |
हस्यासम् |
हस्यास्व |
हस्यास्म |
लुङ् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
अहसीत् |
अहसिष्टाम् |
अहसिषुः |
मध्यमपुरुषः |
अहसीः |
अहसिष्टम् |
अहसिष्ट |
उत्तमपुरुषः |
अहसिषम् |
अहसिष्व |
अहसिष्म |
लृङ् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
अहसिष्यत् |
अहसिष्यताम् |
अहसिष्यन् |
मध्यमपुरुषः |
अहसिष्यः |
अहसिष्यतम् |
अहसिष्यत |
उत्तमपुरुषः |
अहसिष्यम् |
अहसिष्याव |
अहसिष्याम |
आत्मनेपदी धातुओं के धातुरूप-
1. सेव् धातु (सेवा करना) लट् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
सेवते |
सेवेते |
सेवन्ते |
मध्यमपुरुषः |
सेवसे |
सेवेथे |
सेवध्वे |
उत्तमपुरुषः |
सेवे |
सेवावहे |
सेवामहे |
लिट् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
सिषेवे |
सिषेवाते |
सिषेविरे |
मध्यमपुरुषः |
सिषेविषे |
सिषेवाथे |
सिषेविध्वे |
उत्तमपुरुषः |
सिषेवे |
सिषेविवहे |
सिषेविमहे |
लुट् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
सेविता |
सेवितारौ |
सेवितारः |
मध्यमपुरुषः |
सेवितासे |
सेवितासाथे |
सेविताध्वे |
उत्तमपुरुषः |
सेविताहे |
सेवितास्वहे |
सेवितास्महे |
लृट् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
सेविष्यते |
सेविष्येते |
सेविष्यन्ते |
मध्यमपुरुषः |
सेविष्यसे |
सेविष्येथे |
सेविष्यध्वे |
उत्तमपुरुषः |
सेविष्ये |
सेविष्यावहे |
सेविष्यामहे |
लोट् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
सेवताम् |
सेवेताम् |
सेवन्ताम् |
मध्यमपुरुषः |
सेवस्व |
सेवेथाम् |
सेवध्वम् |
उत्तमपुरुषः |
सेवै |
सेवावहै |
सेवामहै |
लङ् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
असेवत |
असेवेताम् |
असेवन्त |
मध्यमपुरुषः |
असेवथाः |
असेवेथाम् |
असेवध्वम् |
उत्तमपुरुषः |
असेवे |
असेवावहि |
असेवामहि |
विधिलिङ् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
सेवेत |
सेवेयाताम् |
सेवेरन् |
मध्यमपुरुषः |
सेवेथाः |
सेवेयाथाम् |
सेवेध्वम् |
उत्तमपुरुषः |
सेवेय |
सेवेवहि |
सेवेमहि |
आशीर्लिङ् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
सेविषीष्ट |
सेविषीयास्ताम् |
सेविषीरन् |
मध्यमपुरुषः |
सेविषीष्ठाः |
सेविषीयास्थाम् |
सेविषीध्वम् |
उत्तमपुरुषः |
सेविषीय |
सेविषीवहि |
सेविषीमहि |
लुङ् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
असेविष्ट |
असेविषाताम् |
असेविषत |
मध्यमपुरुषः |
असेविष्ठाः |
असेविषाथाम् |
असेविध्वम् |
उत्तमपुरुषः |
असेविषि |
असेविष्वहि |
असेविष्महि |
लृङ् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
असेविष्यत |
असेविष्येताम् |
असेविष्यन्त |
मध्यमपुरुषः |
असेविष्यथाः |
असेविष्येथाम् |
असेविष्यध्वम् |
उत्तमपुरुषः |
असेविष्ये |
असेविष्यावहि |
असेविष्यामहि |
2. लभ् धातु (पाना) लट् लकार-
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
लभते |
लभेते |
लभन्ते |
मध्यमपुरुषः |
लभसे |
लभेथे |
लभध्वे |
उत्तमपुरुषः |
लभे |
लभावहे |
लभामहे |
लिट् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
लेभे |
लेभाते |
लेभिरे |
मध्यमपुरुषः |
लेभिषे |
लेभाथे |
लेभिध्वे |
उत्तमपुरुषः |
लेभे |
लेभिवहे |
लेभिमहे |
लुट् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
लब्धा |
लब्धारौ |
लब्धारः |
मध्यमपुरुषः |
लब्धासे |
लब्धासाथे |
लब्धाध्वे |
उत्तमपुरुषः |
लब्धाहे |
लब्धास्वहे |
लब्धास्महे |
लृट् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
लप्स्यते |
लप्स्येते |
लप्स्यन्ते |
मध्यमपुरुषः |
लप्स्यसे |
लप्स्येथे |
लप्स्यध्वे |
उत्तमपुरुषः |
लप्स्ये |
लप्स्यावहे |
लप्स्यामहे |
लोट् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
लभताम् |
लभेताम् |
लभन्ताम् |
मध्यमपुरुषः |
लभस्व |
लभेथाम् |
लभध्वम् |
उत्तमपुरुषः |
लभै |
लभावहै |
लभामहै |
लङ् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
अलभत |
अलभेताम् |
अलभन्त |
मध्यमपुरुषः |
अलभथाः |
अलभेथाम् |
अलभध्वम् |
उत्तमपुरुषः |
अलभे |
अलभावहि |
अलभामहि |
विधिलिङ् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
लभेत |
लभेयाताम् |
लभेरन् |
मध्यमपुरुषः |
लभेथाः |
लभेयाथाम् |
लभेध्वम् |
उत्तमपुरुषः |
लभेय |
लभेवहि |
लभेमहि |
आशीर्लिङ् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
लप्सीष्ट |
लप्सीयास्ताम् |
लप्सीरन् |
मध्यमपुरुषः |
लप्सीष्ठाः |
लप्सीयास्थाम् |
लप्सीध्वम् |
उत्तमपुरुषः |
लप्सीय |
लप्सीवहि |
लप्सीमहि |
लुङ् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
अलब्ध |
अलप्साताम् |
अलप्सत |
मध्यमपुरुषः |
अलब्धाः |
अलप्साथाम् |
अलब्ध्वम् |
उत्तमपुरुषः |
अलप्सि |
अलप्स्वहि |
अलप्स्महि |
लृङ् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
अलप्स्यत |
अलप्स्येताम् |
अलप्स्यन्त |
मध्यमपुरुषः |
अलप्स्यथाः |
अलप्स्येथाम् |
अलप्स्यध्वम् |
उत्तमपुरुषः |
अलप्स्ये |
अलप्स्यावहि |
अलप्स्यामहि |
उभयपदी धातुओं के धातुरूप (परस्मैपदी)-
1. कृ धातु (करना) लट् लकार-
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
करोति |
कुरुतः |
कुर्वन्ति |
मध्यमपुरुषः |
करोषि |
कुरुथः |
कुरुथ |
उत्तमपुरुषः |
करोमि |
कुर्वः |
कुर्मः |
लिट् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
चकार |
चक्रतुः |
चक्रुः |
मध्यमपुरुषः |
चकर्थ |
चक्रथुः |
चक्र |
उत्तमपुरुषः |
चकार/चकर |
चकृव |
चकृम |
लुट् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
कर्ता |
कर्तारौ |
कर्तारः |
मध्यमपुरुषः |
कर्तासि |
कर्तास्थः |
कर्तास्थ |
उत्तमपुरुषः |
कर्तास्मि |
कर्तास्वः |
कर्तास्मः |
लृट् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
करिष्यति |
करिष्यतः |
करिष्यन्ति |
मध्यमपुरुषः |
करिष्यसि |
करिष्यथः |
करिष्यथ |
उत्तमपुरुषः |
करिष्यामि |
करिष्यावः |
करिष्यामः |
लोट् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
करोतु |
कुरुताम् |
कुर्वन्तु |
मध्यमपुरुषः |
कुरु |
कुरुतम् |
कुरुत |
उत्तमपुरुषः |
करवाणि |
करवाव |
करवाम |
लङ् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
अकरोत् |
अकुरुताम् |
अकुर्वन् |
मध्यमपुरुषः |
अकरोः |
अकुरुतम् |
अकुरुत |
उत्तमपुरुषः |
अकरवम् |
अकुर्व |
अकुर्म |
विधिलिङ् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
कुर्यात् |
कुर्याताम् |
कुर्युः |
मध्यमपुरुषः |
कुर्याः |
कुर्यातम् |
कुर्यात |
उत्तमपुरुषः |
कुर्याम् |
कुर्याव |
कुर्याम |
आशीर्लिङ् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
क्रियात् |
क्रियास्ताम् |
क्रियासुः |
मध्यमपुरुषः |
क्रियाः |
क्रियास्तम् |
क्रियास्त |
उत्तमपुरुषः |
क्रियासम् |
क्रियास्व |
क्रियास्म |
लुङ् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
अकार्षीत् |
अकार्ष्टाम् |
अकार्षुः |
मध्यमपुरुषः |
अकार्षीः |
अकार्ष्टम् |
अकार्ष्ट |
उत्तमपुरुषः |
अकार्षम् |
अकार्ष्व |
अकार्ष्म |
लृङ् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
अकरिष्यत् |
अकरिष्यन् |
अकरिष्यताम् |
मध्यमपुरुषः |
अकरिष्यः |
अकरिष्यतम् |
अकरिष्यत |
उत्तमपुरुषः |
अकरिष्यम् |
अकरिष्याव |
अकरिष्याम |
(आत्मनेपदी)
लट् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
कुरुते |
कुर्वाते |
कुर्वते |
मध्यमपुरुषः |
कुरुषे |
कुर्वाथे |
कुरुध्वे |
उत्तमपुरुषः |
कुर्वे |
कुर्वहे |
कुर्महे |
लिट् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
चक्रे |
चक्राते |
चक्रिरे |
मध्यमपुरुषः |
चकृषे |
चक्राथे |
चकृढ्वे |
उत्तमपुरुषः |
चक्रे |
चकृवहे |
चकृमहे |
लुट् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
कर्ता |
कर्तारौ |
कर्तारः |
मध्यमपुरुषः |
कर्तासे |
कर्तासाथे |
कर्ताध्वे |
उत्तमपुरुषः |
कर्ताहे |
कर्तास्वहे |
कर्तास्महे |
लृट् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
करिष्यते |
करिष्येते |
करिष्यन्ते |
मध्यमपुरुषः |
करिष्यसे |
करिष्येथे |
करिष्यध्वे |
उत्तमपुरुषः |
करिष्ये |
करिष्यावहे |
करिष्यामहे |
लोट् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
कुरुताम् |
कुर्वाताम् |
कुर्वताम् |
मध्यमपुरुषः |
कुरुष्व |
कुर्वाथाम् |
कुरुध्वम् |
उत्तमपुरुषः |
करवै |
करवावहै |
करवामहै |
लङ् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
अकुरुत |
अकुर्वाताम् |
अकुर्वत |
मध्यमपुरुषः |
अकुरुथाः |
अकुर्वाथाम् |
अकुरुध्वम् |
उत्तमपुरुषः |
अकुर्वे |
अकुर्वहि |
अकुर्महि |
विधिलिङ् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
कुर्वीत |
कुर्वीयाताम् |
कुर्वीरन् |
मध्यमपुरुषः |
कुर्वीथाः |
कुर्वीयाथाम् |
कुर्वीध्वम् |
उत्तमपुरुषः |
कुर्वीय |
कुर्वीवहि |
कुर्वीमहि |
आशीर्लिङ् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
कृषीष्ट |
कृषीयास्ताम् |
कृषीरन् |
मध्यमपुरुषः |
कृषीष्ठाः |
कृषीयास्थाम् |
कृषीध्वम् |
उत्तमपुरुषः |
कृषीय |
कृषीवहि |
कृषीमहि |
लुङ् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
अकृत |
अकृषाताम् |
अकृषत |
मध्यमपुरुषः |
अकृथाः |
अकृषाथाम् |
अकृढ्वम् |
उत्तमपुरुषः |
अकृषि |
अकृष्वहि |
अकृष्महि |
लृङ् लकार
|
एकवचनम् |
द्विवचनम् |
बहुवचनम् |
प्रथमपुरुषः |
अकरिष्यत |
अकरिष्येताम् |
अकरिष्यन्त |
मध्यमपुरुषः |
अकरिष्यथाः |
अकरिष्येथाम् |
अकरिष्यध्वम् |
उत्तमपुरुषः |
अकरिष्ये |
अकरिष्यामहि |
अकरिष्यावहि |
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